समतायुक्त व शोषणमुक्त समाज के लिए काम करें स्वयंसेवक : मोहन भागवत
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने समतायुक्त और शोषण मुक्त समाज की परिकल्पना पर जोर देते हुए कहा कि स्वयंसेवक इस दिशा में काम करें। देश की बदलती पारिवारिक व्यवस्था के स्वरूप पर भी संघ प्रमुख ने चिंता जताई।
हरिद्वार। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने समतायुक्त और शोषण मुक्त समाज की परिकल्पना पर जोर देते हुए कहा कि स्वयंसेवक इस दिशा में काम करें। देश की बदलती पारिवारिक व्यवस्था के स्वरूप पर भी संघ प्रमुख ने चिंता जताई। आपसी सहयोग की भावना बढ़ाने के लिए जनजागरण चलाने को आवश्यक करार दिया।
उत्तरी हरिद्वार के निष्काम सेवा ट्रस्ट आश्रम में संघ की उत्तरांचल, मेरठ व ब्रज प्रांत की बैठक के दूसरे दिन संघ प्रमुख ने प्रांत कार्यवाह व प्रांत संघचालकों के साथ बैठक की। संघ प्रमुख भागवत ने कहा कि समाज में संवेदना जगाना जरूरी है। इससे सममायुक्त व शोषण मुक्त समाज बन सके। स्वयंसेवकों का आह्वान किया कि वे समाज के सज्जन व्यक्तियों के साथ मिलकर इस दिशा में काम करें।
समाज में आपसी भाईचारा बनाने व भेदभाव दूर करने के लिए कार्यकर्ता और काम करें। संघ प्रमुख ने कहा कि आज देश की परिवार व्यवस्था का स्वरूप बदल रहा है। एकल परिवारों के बढ़ने से जीवन मूल्यों का क्षरण हो रहा है। इससे आपसी सहयोग की भावना कम हो रही है। इसे दूर करने के लिए जनजागरण की जरूरत है।
ग्रामीण भारत की चर्चा करते हुए संघ प्रमुख ने कहा कि ग्राम विकास व पर्यावरण संरक्षण के लिए सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर प्रयास करने चाहिए। लोगों में पौधरोपण का भाव स्वयं आए, ऐसे प्रयास होने चाहिए। तीन प्रांतों की यह बैठक रविवार को संपन्न होगी। भाजपा नेता व आध्यात्मिक गुरु सतपाल महाराज के प्रेमनगर आश्रम में अंतिम दिन बैठक होगी। इसमें मुख्य पदाधिकारियों के साथ ही साधारण स्वयंसेवक भी भाग लेंगे। सतपाल महाराज के साथ संघ प्रमुख की वार्ता हो सकती है।
पढ़ें:-मंदिरों में सबको मिले प्रवेश का अधिकार: भागवत