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गंगा की धारा अवरुद्ध होने पर हाईकोर्ट सख्‍त, सरकार से मांगा जबाब

हाई कोर्ट ने हरिद्वार में गंगा नदी का प्रवाह सप्‍तसरोवर घाटों पर नहीं होने पर गंभीरता दिखाई है। कोर्ट हरिद्वार डीएम और मेला अधिकारी से 10 दिन के भीतर व्‍यवस्‍था सुधारने को कहा है। साथ ही प्रदेश सरकार से चार सप्‍ताह के भीतर जबाब मांगा है।

By Thakur singh negi Edited By: Updated: Wed, 17 Feb 2016 05:08 PM (IST)
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नैनीताल। हाई कोर्ट ने हरिद्वार में गंगा नदी के सप्त सरोवर घाटों में जलधारा प्रवाह अवरुद्ध होने को गंभीरता से लेते हुए डीएम हरिद्वार, मेलाधिकार अर्द्धकुम्भ और मुख्य अभियंता सिंचाई 10 दिन के भीतर गंगा की अविरल धारा का प्रवाह सुनिश्चित करने के आदेश दिए हैं। साथ ही नगर निगम के मेयर और मुख्य नगर अधिकारी को सहयोग करने को कहा है। मामले में सरकार को छह सप्ताह में जबाब दाखिल करना होगा।
हरिद्वार निवासी राजेंद्र शर्मा ने जनहित याचिका दायर कर कहा था कि पिछले साल आपदा की वजह से गंगा के घाटों पर डेल्टा उभर आये हैं। जिससे नदी का प्रवाह अवरुद्ध हो गया हैं। प्रवाह अवरुद्ध होने से अर्द्धकुंभ मेले में श्रद्धालुओं को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। याचिकाकर्ता के अनुसार उसके द्वारा प्रशासन को कई बार समस्या से अवगत कराया पर कार्रवाई नहीं हुई। आज न्यायाधीश न्यायमूर्ति एसके गुप्ता की एकल पीठ ने मामले को सुनने के बाद डीएम व् मेलाधिकारी को आदेश जारी किए हैं।

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