सौरमंडल के रहस्यों से उठेगा पर्दा, जब होगा बेन्नू ग्रह का डीएनए टेस्ट
अब सौरमंडल के अतीत से पर्दा उठेगा। इसके लिए नासा ओसीरिस-रेक्स नामक अंतरिक्ष यान लघु ग्रह बेन्नू के लिए रवाना होगा, जहां वह सैंपल ग्रहण करेगा।
नैनीताल, [रमेश चंद्रा]: सौरमंडल का अतीत जानने के लिए लघु ग्रह बेन्नू का डीएनए टेस्ट किया जाएगा। इस अभियान के लिए नासा ओसीरिस-रेक्स नामक अंतरिक्ष यान को इस लघु ग्रह पर रवाना करने जा रहा है, जो सैंपल लेकर आठ साल बाद घर वापसी करेगा। इस मिशन की सफलता से धरती पर जीवन की उत्पत्ति समेत सौर मंडल के कई रहस्यों को समझने में मदद मिलेगी।
सौर मंडल की प्रारंभिक अवस्था किस तरह की रही होगी, कैसे इसका निर्माण हुआ होगा और किस तरह से पृथ्वी पर जीवन संभव हो सका होगा जैसे कई रहस्यों को जानने-समझने के लिए नासा ने यह मिशन तैयार किया है।
इसके लिए बेन्नु लघु ग्रह को लक्ष्य बनाया गया है। यह पृथ्वी का नजदीकी लघु ग्रह है। इसमें प्रचुर मात्रा में कार्बन है। इसका आकार 579 मीटर है। यह छह साल बाद पृथ्वी के इतने नजदीक पहुंच जाता है कि तब इसकी दूरी चंद्रमा से भी कम रह जाती है। संभावना जताई जा रही है कि वह 22वीं सदी में धरती से भी टकरा सकता है। इस लघु ग्रह की खोज 1999 में हुई थी।
नासा ओसीरिस-रेक्स अंतरिक्ष यान को आठ सितंबर को बेन्नू पर भेजने जा रहा है। 2018 में वह बेन्नु पर पहुंचेगा। एक वर्ष तक इस लघुग्रह की जांच पड़ताल करेगा। इस बीच वह बेन्नू की जमीन से खुरचन एकत्र करेगा, ताकि इस लघु ग्रह के बारे में सटीक जानकारी मिल सकेगी। इसके बाद यह धरती की ओर रवाना होगा। करीब ढाई साल की यात्रा करने बाद वर्ष 2023 में वापस धरती पर पहुंचेगा।
भारतीय तारा भौतिकी संस्थान बंगलुरु के वरिष्ठ वैज्ञानिक प्रो आरसी कपूर के अनुसार यह बेहद महत्वपूर्ण मिशन है, जो सौर मंडल की कई जानकारियां जुटा सकता है। नैनीताल स्थित आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (एरीज) के वैज्ञानिक डॉ. शशिभूषण पांडे का कहना है कि इस मिशन की सफलता ग्रहों समेत सौर मंडल के अध्ययन की दुनिया को नई दिशा देगी।
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