उत्तराखंड में भाजपा को झटका, विधायक दान सिंह भंडारी ने दिया इस्तीफा
भीमताल से भाजपा विधायक दान सिंह भंडारी ने इस्तीफा दे दिया है। विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल को इस्तीफा पत्र सौंपते हुए उन्होंने तत्काल स्वीकार करने की भी बात कही।
हल्द्वानी [जेएनएन ]: भीमताल से भाजपा विधायक दान सिंह भंडारी ने इस्तीफा दे दिया है। विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल को इस्तीफा पत्र सौंपते हुए उन्होंने तत्काल स्वीकार करने की भी बात कही। राज्य सभा चुनाव से ऐन पहले भंडारी के इस्तीफे से भाजपा को बड़ा झटका लगा है।
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लंबे समय से लग रही अटकलों पर शुक्रवार को विराम लग ही गया। देहरादून में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने राज्य सभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी के विधायकों की बैठक देहरादून में बुलाई थी। उसमें 27 में से पांच विधायक मौजूद नहीं थे। अजय भट्ट ने चार विधायकों से फोन पर ही बात भी कर ली, लेकिन एक विधायक से संपर्क न होने की बात उन्होंने खुद स्वीकारी। साथ ही उन्होंने कांग्रेस पर एक विधायक को कैद करने एवं पांच करोड़ में खरीदने का आरोप भी लगाया।
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इधर देर रात सोशल मीडिया पर विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल को इस्तीफा देते विधायक भंडारी की फोटो व इस्तीफा पत्र वायरल हो गया। यह पत्र विधानसभा अध्यक्ष ने प्राप्त भी कर लिया है। इस संबंध में विधायक भंडारी से भी संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन उनका फोन स्विच ऑफ मिला। वहीं स्पीकर कुंजवाल के पीआरओ एनएस रावत ने पुष्टि करते हुए बताया कि विधायक भंडारी ने स्पीकर को इस्तीफा दे दिया है।
सीएम के लिए सीट खाली करने को भी तैयार थे भंडारी
दो साल पूर्व सीएम हरीश रावत के चुनाव लड़ने के दौरान भी कुमाऊं से जिस भाजपा विधायक का नाम लिया जा रहा था उसमें दान सिंह भंडारी ही थे। चर्चा यहां तक रही कि तब हल्द्वानी दौरे पर आए हरीश रावत से विधायक भंडारी की काठगोदाम स्थित सर्किट हाउस में मुलाकात भी हुई। इसमें तय हो चुका था कि भंडारी भीमताल की सीट छोड़ देंगे। हालांकि मामला तक फिट नहीं बैठा और भंडारी ने दूसरे दिन मुलाकात को भी नकार दिया था।
पृष्ठभूमि रही है कांग्रेसी
विधायक दान सिंह भंडारी का मूल निवासी नैनीताल जनपद के ल्वेशाल गांव के समीप है। वर्तमान में उनका आवास लालडांठ रोड हल्द्वानी में बमौरी गांव में है।
खास बात यह है कि सहकारी बैंक में क्लर्क की नौकरी के साथ-साथ भंडारी ने प्रापर्टी डीलिंग कारोबार में हाथ डाला और इसी धंधे ने उन्हें आर्थिक रूप से समृद्ध बनाया।
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सरल व सहज स्वभाव के बूते क्षेत्र की जनता ने उन्हें हाथों हाथ लिया पहले रामगढ़ के ब्लाक प्रमुख चुने गए और 2012 के चुनाव में वह भीमताल विधानसभा से विधायक चुन लिए गए।
इधर विधायक रहते कई बार उनके सामने आर्थिक संकट के कयास भी लगे, लेकिन सब कुछ दबा ही रहा। बता दें कि सहकारिता क्षेत्र से ताल्लुक नेगी परिवार के वह भांजे हैं। सहकारिता के मजबूत स्तंभ कहे जाने वाले शिवनारायण सिंह नेगी उनके मामा हैं। कांग्रेस से नजदीकी के चलते ही उन्हें ब्लाक प्रमुख की कुर्सी भी मिली।