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उत्‍तराखंड के पूर्व मुख्‍य सचिव आरएस टोलिया का निधन

मंगलवार सुबह पूर्व मुख्य सचिव डॉ रघुनंदन सिंह टोलिया का निधन हो गया। उनके निधन से प्रदेश में शोक की लहर दौड़ गई।

By Sunil NegiEdited By: Updated: Wed, 07 Dec 2016 06:00 AM (IST)

नैनीताल, [जेएनएन]: देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: उत्तराखंड के पूर्व मुख्य सूचना आयुक्त एवं पूर्व मुख्य सचिव रहे डॉ रघुनंदन सिंह टोलिया का मंगलवार सुबह लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। वह 69 वर्ष के थे। डॉ टोलिया हिमालयी सरोकारों से गहरे जुड़े हुए थे।

1971 बैच के आइएएस डॉ टोलिया वर्ष 2003 से 2005 तक राज्य के मुख्य सचिव रहे। इसके बाद वह 18 अक्टूबर, 2005 से लेकर अक्टूबर, 2010 तक राज्य के पहले मुख्य सूचना आयुक्त रहे। 15 नवंबर, 1947 को देहरादून में जन्मे डॉ टोलिया पर्वतीय क्षेत्रों खासकर हिमालयी क्षेत्र के मुद्दों को लेकर जीवन पर्यंत सक्रिय रहे। योजना आयोग में भी पर्वतीय विकास एजेंडे से जुड़ी समितियों के सदस्य रहे। वर्तमान में वह दून विश्वविद्यालय में पब्लिक पॉलिसी सेंटर के अध्यक्ष और कुमाऊं विश्वविद्यालय कार्य परिषद के सदस्य थे।

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अपने 35 वर्ष के प्रशासनिक सेवाकाल में वर्ष 2000 में उत्तराखंड राज्य के गठन से पहले उन्होंने उत्तरप्रदेश में भी विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया। उत्तरप्रदेश में वह पहले ग्राम्य विकास आयुक्त रहे। उत्तरप्रदेश में पर्वतीय विकास सचिव रहते हुए उन्होंने आठ पर्वतीय जिलों के विकास के लिए काफी काम किया। पर्वतीय विकास सचिव रहते हुए वह अलग उत्तराखंड राज्य के लिए गठित कौशिक समिति के संयोजक भी थे। राज्य बनने के बाद वह नई राजधानी स्थापना के प्रभारी भी बनाए गए। उत्तराखंड में आर्गेनिक टी गार्डन को पुनर्जीवित करने में उनकी अहम भूमिका मानी जाती है।

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भोटिया अनुसूचित जनजाति से संबंध रखने वाले डॉ टोलिया मूल रूप से पिथौरागढ़ जिले के मुनस्यारी के टोला गांव के थे। सेवानिवृत्ति के बाद उन्होंने अधिकतर समय टोला गांव में ही बिताया। केंद्रीय गृह मंत्रालय समेत केंद्र सरकार में विभिन्न पदों पर अहम जिम्मेदारी निभाई। एमएससी गणित के साथ ही वह इतिहास में पीएचडीधारक थे। रचनात्मकता के धनी डॉ टोलिया जन प्रशासन, पर्वतीय व ग्राम्य विकास, प्रशिक्षण और सूचना के अधिकार के विभिन्न पहलुओं पर नियमित लेख लिखते रहे।

उन्होंने कई पुस्तकें भी लिखीं। बहुमुखी प्रतिभा संपन्न डॉ टोलिया कई अकादमिक गतिविधियों के साथ ही सिविल सोसाइटी संस्थाओं में सक्रिय नजर आए थे। मैक्स अस्पताल में गंभीर बीमारी से जूझते हुए मंगलवार सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने उनके निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है।

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