उत्तराखंड: बागी विधायकों की सदस्यता मामले में सुनवाई सात मई को
कांग्रेस के नौ बागी विधायकों की सदस्यता मामले में अब हाई कोर्ट में सात मई को सुनवाई होगी। संभव है उसी दिन हाई कोर्ट के जस्टिस यूसी ध्यानी की एकलपीठ फैसला भी सुनाएगी।
नैनीताल। उत्तराखंड में फ्लोर टेस्ट की सुगबुगाहट के बीच बागी विधायकों की सदस्यता मामले का भी पटाक्षेप होने के आसार बन रहे हैं। बागी विधायक उमेश शर्मा काऊ के इमरजेंसी प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति यूसी ध्यानी की एकल पीठ ने सदस्यता मामले पर सुनवाई सात मई नियत कर दी है। पहले यह सुनवाई नौ मई को होनी थी।संभावना है कि उस दिन बहस के बाद कोर्ट फैसला भी सुना दे।
कांग्रेस से बगावत करने वाले विधायक सुबोध उनियाल, कुंवर प्रणव चैंपियन, विजय बहुगुणा, डॉ. हरक सिंह रावत, डॉ. शैलेंद्र मोहन सिंघल, शैलारानी रावत, अमृता रावत, उमेश शर्मा काऊ व प्रदीप बत्रा ने दो अलग-अलग याचिकाएं दायर कर स्पीकर के विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित करने संबंधी आदेश को चुनौती दी है।
स्पीकर की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता व पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल व अमित सिब्बल तो बागी विधायकों की ओर से सीए सुंदरम, एल नागेश्वर राव, दिनेश द्विवेदी, राजेश्वर सिंह पैरवी कर चुके हैं।
पिछले दिनों कोर्ट ने सुनवाई की तिथि नियत की। इसी बीच विधायक उमेश शर्मा काऊ की ओर से इमरजेंसी प्रार्थना पत्र देकर जल्द सुनवाई का आग्रह किया गया। आज न्यायाधीश न्यायमूर्ति यूसी ध्यानी की एकलपीठ के समक्ष इमरजेंसी प्रार्थना पत्र पर सुनवाई हुई। स्पीकर की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अवतार सिंह रावत व बागी विधायकों की ओर से अधिवक्ता विकास बहुगुणा ने सात मई की तिथि पर सुनवाई के लिए रजामंदी दे दी।
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