उत्तराखंड: हाई कोर्ट में बागी विधायकों पर सुनवाई पूरी, फैसला नौ मई को
सूबे में कांग्रेस से बगावत कर चुके नौ विधायकों की सदस्यता मामले में हाई कोर्ट के जस्टिस यूसी ध्यानी की कोर्ट में आज दोनों पक्षों की सुनवाई पूरी कर ली गई है। कोर्ट ने फैसले की तिथि नौ मई नियत की है।
नैनीताल। सूबे में कांग्रेस से बगावत कर चुके नौ विधायकों की सदस्यता मामले में हाई कोर्ट के जस्टिस यूसी ध्यानी की कोर्ट में आज दोनों पक्षों की सुनवाई पूरी कर ली गई है। कोर्ट ने फैसले की तिथि नौ मई नियत की है। इस दिन सुबह सवा दस बजे फैसला सुनाया जाएगा।
सुनवाई के दौरान बागी विधायकों के अधिवक्ता सीए सुंदरम ने कोर्ट में दलील दी कि ये दलबदल का मामला नहीं है तो स्पीकर ने उन्हें अयोग्य कैसे ठहरा दिया। किसी भी विधायक ने पार्टी नहीं छोड़ी। उन्होंने कहा कि स्पीकर ने प्राकृतिक सिद्धांत का उल्लंघन किया है। स्पीकर ने राजनीतिक कारणों से ये कार्रवाई की है। इसलिए इन विधायकों को फ्लोर टेस्ट में भाग लेने की अनुमति दी जाए।उन्होंने कहा कि पूरे मामले में इस आधार पर आदेश दें कि स्पीकर ने जो किया, क्या वह दलबदल कानून के तहत सही था। स्पीकर ने सदन की कार्यवाही रिपोर्ट में माना कि हरक सिंह रावत ने ही अपने विभाग का बजट पेश किया और पारित कराया। बजट यदि पारित था तो दल बदल का आधार ही नहीं बनता।
उन्होंने दलील दी कि जिस बस से विधायक दिल्ली गए, वह सरकारी स्तर से उपलब्ध कराई गई। वे स्पीकर और मुख्यमंत्री की शिकायत पार्टी हाईकमान से करने दिल्ली गए थे।
सुंदरम ने कहा कि स्पीकर निष्पक्ष होता है। 18 मार्च को स्पीकर के खिलाफ नोटिस दिया था। विधायकों का विरोध नीतिगत नहीं है, बल्कि व्यक्तिगत है। साथ ही सीडी के मामले में पूरक शपथपत्र इसलिए वापस लिया, क्योंकि इससे फैसले में देरी हो रही है।
स्पीकर की ओर से अधिवक्ता अमित सिब्बल ने दलील दी कि 35 विधायक चार्टेड फ्लाइट में से दिल्ली गए। इनमें भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, प्रदेश प्रभारी श्याम जाजू भी थे। नौ विधायकों का साथ जाना संयोग नहीं है। स्पीकर ने बागी विधायकों को पर्याप्त समय दिया।
उन्होंने कहा कि इन विधायकों ने सरकार के सबसे महत्वपूर्ण मनी बिल का विरोध किया। राज्यपाल से यह कहा कि विनियोग विधेयक गिर चुका है, सरकार अल्पमत में आ चुकी है, इसे बर्खास्त करो। आदि ऐसे तथ्य हैं, जिसके आधार पर स्पीकर की कार्रवाई सही थी।
इस दौरान उन्होंने कोर्ट को लेपटाप से वह वीडियो भी दिखाया, जिसमें बस में सवार कांग्रेस विधायक भाजपा विधायकों के साथ दिखे। इस दौरान स्पीकर की ओर से कपिल सिब्बल ने चार्टेड फ्लाइट के वीडियो का भी जिक्र किया।
गौरतलब है कि विधायक सुबोध उनियाल व कुंवर प्रणव चैंपियन समेत पूर्व सीएम विजय बहुगुणा, डॉ. शैलेंद्र मोहन सिंघल, हरक सिंह रावत, शैलारानी रावत, अमृता रावत, प्रदीप बत्रा, उमेश शर्मा काऊ ने दो अलग-अलग याचिकाएं दायर कर स्पीकर गोविंद सिंह कुंजवाल द्वारा उन्हें विधान सभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित करने के आदेश को चुनौती दी है।
पढ़ें:- उत्तराखंडः पीडीएफ विधायकों पर टिकी है उत्तराखंड की सियासत