मरीजों की मौत पर हाई कोर्ट सख्त, राज्य सरकार से मांगा जवाब
सुशीला तिवारी अस्पताल में मरीजों की उपचार के दौरान मौत पर हाई कोर्ट खासा नाराज दिखी। अदालत ने राज्य सरकार को मामले में 27 अगस्त तक हलपनामा दाखिल करने का आदेश दिया है।
By gaurav kalaEdited By: Updated: Sat, 13 Aug 2016 07:00 AM (IST)
नैनीताल, [जेएनएन]: सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय में आये दिन मरीजों की उपचार के दौरान मौत होने व अन्य अव्यवस्थाओं पर हाई कोर्ट ने सख्त नाराजगी जाहिर की है। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति केएम जोसफ व न्यायमूर्ति वीके बिष्ट की खंडपीठ ने सरकार को 27 अगस्त तक विस्तृत हलफनामा दाखिल करने के आदेश दिए हैं।
साथ ही सरकार व याचिकाकर्ता हल्द्वानी के भाजयुमो नेता विकास भगत को अस्पताल से सम्बंधित व्यक्तिगत प्रकरणों पर भी फोकस करते हुए कोर्ट को जानकारी देने को कहा है। कोर्ट ने अस्पताल में रोगियों को समुचित उपचार न मिलने को बेहद गंभीर माना है।पढ़ें: हाई कोर्ट ने बांग्लादेशी नागरिकों की घुसपैठ मामले में सरकार से मांगा जवाब
उधर, खंडपीठ ने चमोली जिले की थाला बेंड सड़क के मामले में भी सुनवाई की। चमोली के चन्दन सिंह नेगी ने जनहित याचिका दायर कर कहा कि आठ साल पहले सड़क एक किमी बनी, जिसके बाद वन भूमि हस्तांतरण का पेंच फंस गया। सड़क नहीं होने से हजारों ग्रामीणों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।पढ़ें: पदोन्नति में आरक्षण मामले में हाई कोर्ट ने लिया बड़ा फैसला
कोर्ट के समक्ष लोक निर्माण विभाग द्वारा बताया गया कि विभाग को वन भूमि पर सड़क बनाने की अनुमति मिल चुकी है। जल्द काम शुरू कर दिया जायेगा। वन भूमि हस्तांतरण का मामला सुलझने की जानकारी भी कोर्ट को दी गई।
उधर, खंडपीठ ने चमोली जिले की थाला बेंड सड़क के मामले में भी सुनवाई की। चमोली के चन्दन सिंह नेगी ने जनहित याचिका दायर कर कहा कि आठ साल पहले सड़क एक किमी बनी, जिसके बाद वन भूमि हस्तांतरण का पेंच फंस गया। सड़क नहीं होने से हजारों ग्रामीणों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।पढ़ें: पदोन्नति में आरक्षण मामले में हाई कोर्ट ने लिया बड़ा फैसला
कोर्ट के समक्ष लोक निर्माण विभाग द्वारा बताया गया कि विभाग को वन भूमि पर सड़क बनाने की अनुमति मिल चुकी है। जल्द काम शुरू कर दिया जायेगा। वन भूमि हस्तांतरण का मामला सुलझने की जानकारी भी कोर्ट को दी गई।
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