Move to Jagran APP

बाघों की तादाद में वृद्धि, गिनीज बुक में दर्ज हो सकते कुमाऊं के बाघ

टाइगर रिजर्व एरिया के बाहर जंगलात के पश्चिमी वृत्त में बाघों की संख्‍या में वृद्धि हुई है। यदी गिनती सही होती है तो गिनीज बुक ऑफ वर्ल्‍ड रिकार्ड में कुमाऊं के बाघ दर्ज होंंगे।

By Sunil NegiEdited By: Updated: Tue, 17 Jan 2017 06:35 AM (IST)
बाघों की तादाद में वृद्धि, गिनीज बुक में दर्ज हो सकते कुमाऊं के बाघ
हल्द्वानी, [अंकुर शर्मा]: टाइगर रिजर्व एरिया के बाहर जंगलात के पश्चिमी वृत्त में बाघों की तादाद में रिकार्ड वृद्धि हुई है। कैमरा ट्रैप में कैद हुए बाघों को देखने के बाद उत्साहित वन महकमा एक बार फिर से इनकी गिनती कर रहा है। यदि गिनती में बाघों की बढ़ी हुई संख्या सही होती है तो गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में कुमाऊं के बाघ दर्ज कराने की कवायद होगी।

पश्चिमी वृत्त में तराई पूर्वी, तराई केंद्रीय, हल्द्वानी, रामनगर, तराई पश्चिमी यानी कुल पांच वन डिवीजन हैं। वन्यजीव सुरक्षा प्रबंधन ने 2014 में रामनगर, हल्द्वानी, ऊधमसिंह नगर और चम्पावत तक फैली पश्चिमी वृत की सीमा के साथ ही नेपाल व उप्र सीमा से सटे सर्किल में बाघों की गणना कराई। गणना में 69 बाघ दर्ज किए गए थे। इसके दो साल बाद 2016 में बाघों की गणना के लिए कैमरा ट्रैप लगाए गए।

यह भी पढ़ें:-कॉर्बेट पार्क का बिजरानी पर्यटन जोन पर्यटकों के लिए खुला

आंकड़े वन विभाग को उत्साहित व हैरान करने वाले हैं। इस पूरे सर्किल में 50 बाघ बढ़े हैं और अब संख्या 119 हो गई है। वन्यजीव विशेषज्ञों के अनुसार ऐसा पहली बार हुआ है, जब किसी टाइगर रिजर्व के बाहर जंगलों में बाघ संरक्षण को बढ़ावा मिलने से उत्साहजनक परिणाम सामने आए हैं। अब वन महकमा इस साल फिर से बाघों की संख्या जानने के लिए कैमरा ट्रैप लगा रहा है। यदि इस साल भी गणना में संख्या 119 निकलती है तो यह देश ही नहीं दुनिया में भी रिकार्ड होगा।

यह भी पढ़ें:-अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस: कॉर्बेट नेशनल पार्क में बढ़ी बाघों की संख्या

हमने टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी के मानकों का किया पालन

पश्चिमी वन वृत्त के संरक्षक डॉ. पराग मधुकर धकाते का कहना है कि हमने टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी के मानकों का पालन किया है। 2014 में पश्चिमी वृत्त की सीमा में 69 बाघ थे और दो साल बाद बढ़कर 119 हो गए हैं। इसकी फिर से गणना करा रहे हैं। यदि संख्या यही निकली तो यह वर्ल्ड रिकार्ड हो सकता है।

यह भी पढ़ें: रेत न सिर्फ बोलती है, बल्कि बयां करती जंगल का सच

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।