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लंबे अर्से बाद सूरज ने फिर से दहकना कर दिया शुरू

आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान के वरिष्ठ सौर वैज्ञानिक डॉ. वहाबउद्दीन ने बताया कि करीब तीन घंटे के अंतराल में दो विशाल ज्वालाएं निकली हैं। जिनकी तस्वीर कैमरे में कैद की है।

By Sunil NegiEdited By: Updated: Fri, 08 Sep 2017 08:43 PM (IST)
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लंबे अर्से बाद सूरज ने फिर से दहकना कर दिया शुरू

नैनीताल, [रमेश चंद्रा]: लंबे अर्से बाद फिर से सूरज ने दहकना शुरू कर दिया है। इस सौर चक्र की यह सबसे बड़ी सौर ज्वाला है। गुरुवार से पिछले 24 घंटों में एक्स क्लास की दो बड़ी ज्वालाएं सूर्य के गर्भ से निकल चुकी हैं। भू-चुंबकीय कणों का रुख पृथ्वी की दिशा में होने की संभावना वैज्ञानिक जता रहे हैं। ऐसी विशाल ज्वाला 12 वर्ष बाद देखने को मिली है। अभी भी सूरज में सनस्पॉट समूह बने हुए हैं।

 आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (एरीज) के वरिष्ठ सौर वैज्ञानिक डॉ. वहाबउद्दीन ने बताया कि करीब तीन घंटे के अंतराल में दो विशाल ज्वालाएं निकली हैं। पहली ज्वाला एक्स नौ क्लास की, जबकि दूसरी एक्स 2.2 क्लास की थी। एक्स 2.2 क्लास की ज्वाला का एरीज के वैज्ञानिकों ने ऑब्जर्वेशन किया है।

 जिनकी तस्वीर कैमरे में कैद की है। इस बीच एम क्लास की भी कई ज्वालाएं निकल चुकी हैं। सूरज के दक्षिण पश्चिम गोलार्द्ध क्षेत्र के लाखों किमी के दायरे में विशाल सनस्पॉट समूह बने हुए हैं। जिनसे अभी भी बड़ी सौर ज्वालाएं निकलने की आशंका बनी हुई है। जिनका असर अगले तीन-चार दिन तक देखा जा सकता है। एक्स क्लास की निकली सौर ज्वालाओं की दिशा अर्थ डायरेक्ट यानी धरती की ओर है। 

 डॉ. वहाबउद्दीन ने बताया कि सूरज इन दिनों मिनिमम फेज से गुजर रहा है। इस फेज में सूरज शांत ही रहता है, परंतु कभी-कभार उच्च श्रेणी की ज्वालाएं उभर जाती हैं। अक्टूबर 2003 में भी एक्स श्रेणी की सौर भभूका मिनिमम फेज में निकली थी। जिसे एरीज के वैज्ञानिकों ने कैमरे में कैद किया था। जितनी विशाल ज्वाला गुरुवार को देखने को मिली हैं, ऐसी ज्वालाएं वर्षों बाद ही देखने को मिलती है। वर्ष 1976 व 1990 में भी इतनी बड़ी ज्वालाएं उभरी थी। 

इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के लिए खतरनाक हैं उच्च उर्जावान कण 

हमारे सैटेलाइट, इलेक्ट्रिकल व इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के लिए सौर ज्वालाओं से निकलने वाले उच्च उर्जावान क ण बेहद खतरनाक होते हैं, जो इन्हें नष्ट कर सकते हैं। पूर्व में इनसे कई बार नुकसान हो चुके हैं। जिस कारण सौर वैज्ञानिकों की सूर्य की गतिविधियों पर पैनी नजर रहती हैं। सूर्य से ज्वालाएं उठते रहती हैं।  जिनमें एम व सी श्रेणी की ज्वाला छोटी होती हैं। एक्स श्रेणी की काफी विशाल होती हैं।

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