दीमक दे रहे हैं पर्यावरण में बदलाव के संकेत
जंगल में पाए जाने वाले दीमक के टीलों की संख्या में गिरावट आ र ही है, जो कुमाऊं की पारिस्थितिकी तंत्र में बदलाव के संकेत दे रहे हैं। हो रहा है।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Mon, 20 Feb 2017 06:45 AM (IST)
हल्द्वानी, [अंकुर शर्मा]: कुमाऊं की पारिस्थितिकी तंत्र में बदलाव हो रहा है। जंगल में पाए जाने वाले दीमक के टीलों की संख्या में गिरावट यही संकेत दे रहा है। दीमक के इस व्यवहार को लेकर वन अफसर डॉ. चंद्रशेखर सनवाल अध्ययन शुरू करने जा रहे हैं।
दीमक जैव विविधता व संतुलन में महत्वपूर्ण कारक है, हालांकि मानव उपयोगी लिहाज से दीमक का कोई महत्व नहीं है। दीमक का पनपना मृदा, जलवायु, मौसम, वातावरण में गैसों की मात्र विशेषकर कार्बन जैसे फैक्टर पर निर्भर रहता है इसलिए दीमक की उपस्थिति ईकोलॉजिकल सिस्टम में संतुलन दर्शाता है।यह भी पढ़ें: पर्यावरण बचाने को 'गुरु ज्ञान' दे रहे शिक्षक
तराई-भाबर के जंगलों में दीमक के टीले बॉम्बी पाए जाते हैं। रामनगर, टांडा, हल्द्वानी, शारदा के जंगलों में ये बाम्बी मिलती हैं। पिछले कुछ अरसे से इनकी संख्या में कमी आई। वहीं ऐसे स्थानों पर दीमक के टीले उग आए जहां पहले नहीं होते हैं। दीमक का बदलता व्यवहार कुमाऊं समेत समूचे प्रदेश में बदलाव का संकेत है। डीएफओ हल्द्वानी डॉ. सनवाल दीमक पर अध्ययन करने जा रहे हैं। पहले चरण में जौलसाल, शारदा रेंज में पाए जाने वाले दीमक पर अध्ययन किया जाएगा।यह भी पढ़ें: अब पर्यावरण प्रहरी की भूमिका निभाएंगी मित्र पुलिस
दीमक इको सिस्टम का अंग हैइस संबंध में हल्द्वानी वन डिवीजन के डीएफओ डॉ. चंद्रशेखर सनवाल का कहना है कि दीमक इको सिस्टम का अंग है, दीमक का कम होना वातावरण में बदलाव का संकेत है। इसी पर अध्ययन किया जा रहा है।तीन प्रकार की होती है दीमक-लकड़ी को खाने वाली दीमक जो आमतौर पर घर व दफ्तर के फर्नीचर में लगती है।-पेड़ से गिरने वाले ताजा पत्तों, मानव, जंतु को खाने वाली दीमक जो जंगल में मिलती है।-फंगस, काई को खाने वाली दीमक जो नमी वाले स्थानों पर पाई जाती है।यह भी पढ़ें: ग्रामीणों के संकल्प से जंगल में फैली हरियाली, ऐेसे करते हैं सुरक्षाकहां मिलती हैं दीमकदीमक के लिए आर्द्रता व तापमान महत्वपूर्ण है। 15.6 डिग्री सेल्सियस तापमान व 75 प्रतिशत सापेक्ष आर्द्रता होने पर अधिक समय व 32.2 डिग्री सेल्सियस में 32 प्रतिशत सापेक्ष आर्द्रता में जल्द पनप जाती है।यह भी पढ़ें: इस गांव के लोगों ने तो उगा दिया पूरा जंगल, जानिएअध्ययन में इनको किया जाएगा शामिल-दीमक के लिए पोषक वनस्पति जो विलुप्त हो गई या हो रही है की जानकारी होना-मिट्टी के तापमान व नमी में हो रहे बदलाव की सूचना-वातावरण के तापमान व आर्द्रता में बदलाव की सूचना-वैश्विक तापमान से हो रहे बदलाव की जानकारीयह भी पढ़ें: उत्तराखंड में एक अप्रैल से 'सुरक्षित हिमालय'
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