उत्तराखंड में होगी बाघों की गणना, वन विभाग ने की तैयारी
प्रदेश में बाघों की गणना के लिए वन विभाग ने कवायद तेज कर दी है। एकीकृत योजना के तहत वन विभाग कैमरा ट्रैप के जरिये बाघों की मौजूदगी का पता लगाएगा।
रामनगर, [जेएनएन]: प्रदेश में बाघों की गणना के लिए वन विभाग ने कवायद तेज कर दी है। एकीकृत योजना के तहत वन विभाग कैमरा ट्रैप के जरिये बाघों की मौजूदगी का पता लगाएगा।
इस संबंध में कॉर्बेट कार्यालय में राज्य के वनाधिकारियों की बैठक में बाघों की गणना की तैयारियों को अंतिम रूप दिया गया। बता दें कि पहले कॉर्बेट टाइगर रिजर्व व उससे सटे हल्द्वानी, रामनगर, लैंसडॉन, कालागढ़ व हरिद्वार वन प्रभाग में बाघों की गणना अलग-अलग होती थी।
पढ़ें-कालसी में तेंदुए का आतंक, छह बकरियों को बनाया निवाला
अब सभी वन प्रभाग एक ही तरीके से बाघों की गणना करेंगे, ताकि प्रदेश में एक साथ बाघों की गणना के आंकड़े जारी हो सकें। इसकी तैयारियों को लेकर अधिकारियों की बैठक लेते हुए मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक डॉ. डीवीएस खाती ने गणना के उद्देश्यों के बारे में जानकारी दी।
पढ़ें-उत्तराखंड में हर माह 20 हेक्टेयर खेत तबाह कर रहे वन्यजीव
उन्होंने बताया बाघों की गणना में डब्ल्यूडब्ल्यूएफ संस्था का भी तकनीकी सहयोग लिया जाएगा। गणना की मॉनीटरिंग के लिए कॉर्बेट पार्क के निदेशक समीर सिन्हा को नोडल अधिकारी बनाया गया है।
पढ़ें-कोटद्वार में शौच को गई वृद्धा को गुलदार ने बनाया निवाला
चूंकि अभी बरसात का मौसम है। इसलिए बाघों की गणना अक्टूबर के बाद शुरू होगी। बाघ गणना की शुरूआत चार सौ कैमरों से होगी। जरूरत पडऩे पर डब्ल्यूडब्ल्यूएफ संस्था से भी कैमरे मांगे जाएंगे।
पढ़ें:-हाथियों के आतंक से नकरौंदा के दो दर्जन किसानों ने की खेती से तौबा