बच्ची से दुष्कर्म के मामले में कोर्ट ने सुनाई मृत्युदंड की सजा
हल्द्वानी के शीशमहल में 20 नवंबर 2014 को सात वर्षीय बच्ची के साथ हुए दुष्कर्म के बाद हत्या मामले में स्पेशल पाक्सो कोर्ट की अपर सत्र न्यायाधीश प्रीतु शर्मा ने आज शाम मुख्य अभियुक्त अख्तर अली उर्फ़ अहसान को मृत्युदंड की सजा सुनाई।
हल्द्वानी (नैनीताल)। हल्द्वानी के शीशमहल में 20 नवंबर 2014 को सात वर्षीय बच्ची के साथ हुए दुष्कर्म के बाद हत्या मामले में स्पेशल पाक्सो कोर्ट की अपर सत्र न्यायाधीश प्रीतु शर्मा ने आज शाम मुख्य अभियुक्त अख्तर अली उर्फ़ अहसान को मृत्युदंड की सजा सुनाई। बच्चों के साथ होने वाले यौन अपराध से सम्बंधित मामले की लिए गठित इस कोर्ट से मौत की सजा का यह पहला मामला है। वहीं, दूसरे अभियुक्त प्रेमपाल को कोर्ट ने पांच साल की कैद और 20 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई, जबकि तीसरे आरोपी जूनियर मसीह को कोर्ट ने पांच मार्च को हुई सुनवाई में दोषमुक्त कर दिया था।
बता दें कि पिथौरागड़ निवासी परिवार 20 नवंबर 2014 को यहां शीशमहल स्थित रामलीला मैदान में एक शादी समारोह में आया था। रात में ही उनकी सात साल की बच्ची अचानक गायब हो गयी थी। 26 नवंबर को उसका शव गोला नदी की किनारे मिला था। इस जघन्य वारदात के बाद पूरे प्रदेश में जबरदस्त आक्रोश फैल गया था। कुमाऊं में धरना प्रदर्शन से लेकर बाजार बंद भी रहे थे।
इस मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी ट्रक ड्राईवर अख्तर अली पुत्र मकसूद निवासी ग्राम महानगरी, बेतिया, पश्चिमी चंपारण बिहार को गिरफ्तार किया था। साथ ही अन्य दो आरोपियों को पुलिस ने भी गिरफ्तार किया गया। स्पेशल पाक्सो कोर्ट की अपर सत्र न्यायाधीश प्रीतु शर्मा ने पांच मार्च को सुनवाई के दौरान दो आरोपियों मुख्य अभियुक्त अख्तर अली उर्फ़ अहसान व प्रेमपाल को दोषी पाया था, जबकि एक आरोपी जूनियर मसीह को दोष मुक्त कर दिया था।
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