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दूरदर्शन रिले केंद्र में गजराजों ने बरपाया कहर

By Edited By: Updated: Mon, 11 Aug 2014 01:01 AM (IST)

संवाद सहयोगी, कोटद्वार : सनेह क्षेत्र में गजराज का उत्पात थमने का नाम नहीं ले रहा है। शनिवार की रात हाथियों का झुंड ग्रास्टनगंज स्थित दूरदर्शन रिले केंद्र से सटे राजस्व विभाग के आवासीय भवन तक जा धमका। हाथियों के आतंक से खौफजदा परिवार करीब 11 घंटों तक कमरे में ही दुबका रहा। रविवार सुबह वन कर्मियों के झुंड को खदेड़ने के बाद ही कैद परिवार कमरों से बाहर निकल पाया।

गत शनिवार की रात करीब नौ बजे हाथियों का एक झुंड ग्रास्टनगंज स्थित दूरदर्शन केंद्र परिसर में जा धमका। हाथियों ने केंद्र परिसर से सटे राजस्व विभाग के आवासीय भवन में जमकर उत्पात मचाया। भवन में रहने वाले तहसील में चतुर्थ श्रेणी पद पर कार्यरत अर्जुन सिंह के बर्तन, पानी की टंकिया व घर के बाहर बने मंदिर को तहस नहस करने के बाद हाथी उनके दरवाजे तक जा धमके। अर्जुन सिंह के पुत्र विकास चंद्र ने बताया कि झुंड में करीब 17 हाथी थे व हाथियों के उत्पात के चलते वे कमरे में दुबक गए। दरवाजे तक आ पहुंचे हाथी ने दरवाजा तोड़ने का प्रयास भी किया। शोर मचाने के बाद हाथियों झुंड ने दरवाजे के पास आंगन में डेरा डाल दिया। सूचना मिलने पर रेंज अधिकारी एसपी कंडवाल की अगुवाई में वन विभाग की टीम ने रविवार सुबह मौके पर पहुंच हाथियों को खदेड़ा। इसके बाद ही कमरों में कैद परिवार के छह सदस्यों ने राहत की सांस ली। ब्लाक प्रमुख सुरेश असवाल ने भी मौके पर पहुंच नुकसान का जायजा लिया व वन विभाग के अधिकारियों से सुरक्षा के मद्देनजर उचित कार्रवाई करने को कहा। रेंज अधिकारी एसपी कंडवाल ने बताया कि घटना के मद्देनजर प्रभावित क्षेत्र में वन कर्मियों की गश्त बढ़ा दी गई है।

सतीचौड़ में रौंदी फसल

शनिवार की रात सतीचौड़ में भी खेतों में घुसे हाथियों ने जमकर उत्पात मचाया। हाथियों ने सतीचौड़ निवासी विजय सिंह रौतेला की धान की हाल ही में रोपी गई फसल को तहस नहस कर दिया।

पानी भी रोक रहे हाथी

हाथी न सिर्फ फसलों के दुश्मन बने हुए हैं, बल्कि पेयजल आपूर्ति में भी बाधक बन रहे हैं। दरअसल, दूरदर्शन रिले केंद्र के पास बने पेयजल टैंक से ग्रास्टनगंज क्षेत्र के लिए जलापूर्ति होती है। लेकिन, पेयजल टैंक तक पहुंच मार्ग में बड़ी-बड़ी झाड़ियां उग आने से जल संस्थान कर्मी तड़के सुबह हाथी प्रभावित इस क्षेत्र में आने से कतराते हैं। ग्रामीणों की माने तो हाथियों के भय के चलते कई बार समय पर जलापूर्ति नहीं हो पाती। करीब तीन वर्ष पूर्व हाथियों ने एक पंप आपरेटर पर भी धावा बोल दिया था, तब पंप आपरेटर ने किसी तरह भाग जान बचाई थी।

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