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देव भूमि में दावानल, चारों ओर त्राहिमाम

जागरण टीम, गढ़वाल: देवभूमि इस समय भयंकर दावानल की चपेट में है। दावाग्नि से प्राकृतिक जलस्रोतों पर सं

By Edited By: Updated: Sat, 30 Apr 2016 10:36 PM (IST)
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जागरण टीम, गढ़वाल: देवभूमि इस समय भयंकर दावानल की चपेट में है। दावाग्नि से प्राकृतिक जलस्रोतों पर संकट आ गया है। लोगों को चारा पत्ती के भी लाले पड़ गए हैं। जंगली जानवर भी गांव के ओर रुख करने लगे हैं। वनों को बचाने के लिए रुद्रप्रयाग में सेना के बाद अब उत्तरकाशी में आइटीबीपी, निम और बीआरओ भी जंगलों की आग बुझाने में जुट गया है। उधर, पौड़ी और चमोली में एनडीआरएफ ने मोर्चा संभाल लिया है। वनाग्नि को लेकर डीएम ने रुद्रप्रयाग में अधिकारियों के अवकाश निरस्त कर दिया है। चमोली जिले में वनाग्नि को लेकर अपर वन संरक्षक ने वन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के अवकाश पर रोक लगा दी है।

उत्तरकाशी जनपद में सबसे अधिक वन क्षेत्र है। तीन वन प्रभाग व दो राष्ट्रीय उद्यान सहित जिले में 7.21 लाख हेक्टेयर जंगल का क्षेत्र फल है। उत्तरकाशी वन प्रभाग व यमुना वन प्रभाग के जंगलों में आग लगी हुई है। यमुना वन प्रभाग में पोल गांव, डंडाल गांव, राड़ी, नंदगांव तथा पुरोला वन प्रभाग में पुरोला, जरमोला, मोरी के जंगलों में पिछले सात दिनों से आग लगी हुई है। मातली, महिडांडा, कोटियाल गांव के आस पास के जंगलों में आइटीबीपी, बीआरओ तथा निम के जवानों ने आग बुझाई है। वहीं गोविन्द वन्य जीव विहार के धौला में बीते गुरुवार को आग लगी। शुक्रवार को आग बुझाते समय धरासू रेंज के रेंज अधिकारी मनोज मिश्रा का हाथ जला। शनिवार को जिला मुख्यालय के निकट लगी आग को बुझाने पहुंचे वन कर्मियों ने भी पेड़ों की टहनियां तोड़ कर आग बुझाने का प्रयास किया। लेकिन आग पर काबू नहीं कर पाए।

बड़कोट में अपर यमुना वन प्रभाग के जंगलों में लगी भीषण आग से लगभग पांच हेक्टेयर से भी अधिक जंगल जलकर खाक हो गया है आग इतनी भीषण है कि यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग और बड़कोट उत्तरकाशी मोटर मार्ग के ऊपर पहाड़ी से गिर रहे पेड़ों और पत्थरों से वाहनों को नुकसान पहुंचने का खतरा बढ़ गया है। वहीं पास के नगाण गांव के पास आग के निकट आने से गांव के लोगों ने मिलकर आग बुझाई नहीं तो कई मकान जलकर खाक हो सकते थे। वन्य जीवों के आवासों को नुकसान पहुंच रहा है।

रुद्रप्रयाग जनपद के विभिन्न क्षेत्रों में आग का प्रयोग लगातार बना हुआ है। पूरे दिन शहर में धुंध छाई रही। गत रात्रि को रुद्रप्रयाग से लगभग चार किमी दूर पोखरी मार्ग पर पुलिस अधीक्षक आवास के पास स्थित जंगलों में भयंकर आग लग गई, वन विभाग के साथ ही पुलिस की फायर सर्विस व अन्य टीमें आग का बुझाने मं जुट गई। पुलिस कप्तान पीएन मीणा ने खुद कमान संभाली, तब जाकर लगभग आठ घंटे में आग पर काबू पाया जा सका। इस बीच यह आग पोखरी मार्ग पर शिवपुरी गांव तक जा पहुंची, गांव में भगदड़ मच गई, वन विभाग की टीम भी मौके पर पहुंची, छह घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद रात्रि को लगभग साढे़ बारह बजे आग पर काबू पाया जा सका।

वहीं उप वन संरक्षक राजीव धीमान ने बताया कि शनिवार को आग की घटनाएं की औसतन कम सूचना है। हालांकि धुंध छाई हुई है। वहीं डीएम डॉ. राघव लंगर ने भी निर्देश जारी करते कहा कि शीघ्र सभी सरकारी विभागों के अधिकारी व कर्मचारी भी वन विभाग की आग बुझाने में मदद करेंगे।

चमोली जिले में प्रशासन ने आग पर काबू पाने के लिए कर्णप्रयाग, नंदप्रयाग, पीपलकोटी, बछेर के जंगलों में आग बुझाने के लिए एनडीआरएफ के जवानों के साथ वन विभाग की टीमें तैनात की गई है। जिला प्रशासन ने चमोली जिले में आई एनडीआरएफ के 40 जवानों को चार टुकड़ियों में बांटकर कर्णप्रयाग, नंदप्रयाग, पीपलकोटी, बछेर के जंगलों में आग बुझाने के कार्य में लगाया हे। एसडीआरएफ के जवानों के साथ वन विभाग व ग्रामीण भी मदद कर रहे हैं। आग से जंगली जानवर परेशान हैं।

टिहरी जिले के जंगल पिछले कई दिनों से टिहरी वन प्रभाग में 101 हेक्टेयर और नरेंद्रनगर वन प्रभाग में 81 हेक्टेयर जंगल जल चुका है। वहीं अब मवेशियों की चारा पत्ती का संकट भी खड़ा हो गया है। जौनपुर ब्लॉक के देवलसारी ,कैम्टी रेंज के बग्लों की कांडी, कांडा,रणोगी , सुमनक्यारी, सड़ब, मौगी, खरसोन, मेलगढ़, खैराड़ आदि जंगलों में आग लगी है। जंगलों में आग के कारण सड़कों पर पत्थर गिरने से भी दुर्घटना का खतरा बना है। वहीं अब मवेशियों के लिए भी ग्रामीणों को चारा पत्ती नहीं मिल पा रही है। नरेंद्रनगर ब्लॉक के क्वीली - पालकोट क्षेत्र में दोगी , बुरांशी, लवा, डांडा आदि गांवों में आग के चलते ग्रामीण परेशान हैं।

रेंजर से मांगा स्पष्टीकरण

नरेंद्रनगर वन प्रभाग की सकलाना रेंज के रेंज अधिकारी बुद्धि प्रकाश का मोबाइल फोन बंद होने के मामले को डीएफओ राहुल कुमार ने गंभीरता से लिया है। पिछले चार दिनों से रेंजर का मोबाइल बंद आ रहा था। जबकि क्षेत्र के जंगल लगातार जल रहे थे। ग्रामीणों लगातार फोन का प्रयास कर सूचना देने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन रेंजर से बात नहीं हो पा रही थी।

ग्रामीणों ने मिलकर बुझाई आग

जिले के विभिन्न क्षेत्रों के जंगलों में लगी आग अभी भी कम होने का नाम नहीं ले रही है। शनिवार को गाजणा पट्टी के भड़कोट, बागी के जंगलों में आग लगी रही। आग को बस्तियों तक आते देख वन कर्मियों सहित वन पंचायत सरपंच भड़कोट की अध्यक्ष सोन देई रावत ने गांव के ग्रामीणों की मदद से जंगलों में लगी आग बुझाने का प्रयास किया तथा वनाग्नि को बस्तियों तक पहुंचने से पहले ही बुझाकर रोकने में सफल रहे।

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