चले आइए कोटद्वार और कीजिए कॉर्बेट नेशनल पार्क की सैर
अब कॉर्बेट नेशनल पार्क के दीदार कोटद्वार से भी किए जा सकेंगे। यहां से सीएम ने कॉर्बेट टाइगर सफारी गेट पर 30 पर्यटकों से भरी छह जिप्सियों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
कोटद्वार, [जेएनएन]: विश्व प्रसिद्ध कॉर्बेट नेशनल पार्क में अब सैलानी कोटद्वार से भी सैर के लिए प्रवेश कर सकेंगे। अब तक नैनीताल जिले के रामनगर से ही पार्क में प्रवेश का एकमात्र रास्ता था। सोमवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने नए प्रवेश द्वार का शुभारंभ किया।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कोटद्वार में कॉर्बेट टाइगर सफारी गेट पर 30 पर्यटकों से भरी छह जिप्सियों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड ईको टूरिज्म विकास नगर यहां सफारी कराएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे और विकास को गति मिलेगी। उनका कहना कि यह अभी शुरुआत है और विस्तार की तमाम संभावनाएं मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि इसके अलावा पौड़ी जिले में नए पर्यटन सर्किट को विकसित करने की योजना है। इसके लिए कोटद्वार क्षेत्र में रसियाबड़, चिड़ियापुर, कण्वाश्रम, सनेह, कॉर्बेट टाइगर रिजर्व, कोल्हूचौड़, ताड़केश्वर व लालढांग को जोड़ते हुए डेढ़ सौ करोड़ की लागत से इको टूरिज्म सर्किट के तौर पर विकसित किया जाएगा।
कॉर्बेट नेशनल पार्क पर एक नजर
देश के प्रथम जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क की स्थापना वर्ष 1936 में हेली नेशनल पार्क के रूप में हुई व 1957 में इसका नाम प्रख्यात प्रकृति प्रेमी जिम कॉर्बेट के नाम पर रखा गया। कुल 1318.54 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले पार्क का 521 वर्ग किलोमीटर हिस्सा कोर जोन है। इसमें से 312.86 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पौड़ी जिले में है और शेष नैनीताल में। वहीं बफर जोन में सोनानदी वन्य जीव विहार है। जहां तेंदुआ और बाघ के दीदार कर सैलानी रोमांचित होंगे।
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