विधवा से दुष्कर्म करने के बाद निर्वस्त्र कर सड़क पर छोड़ने वाले को मिली ऐसी सजा, पढ़ें खबर
विधवा से दुष्कर्म कर उसके कपड़े जलाकर निर्वस्त्र करने के मामले में कोर्ट ने एक व्यक्ति को सात साल की सश्रम कैद की सजा सुनाई। साथ ही उस पर 26 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। इसमें से बीस हजार की धनराशि पीड़िता को दी जाएगी।
कोटद्वार। विधवा से दुष्कर्म कर उसके कपड़े जलाकर निर्वस्त्र करने के मामले में कोर्ट ने एक व्यक्ति को सात साल की सश्रम कैद की सजा सुनाई। साथ ही उस पर 26 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। इसमें से बीस हजार की धनराशि पीड़िता को दी जाएगी। अर्थदंड न देने की स्थिति में कारावास की सजा छह माह बढ़ा दी जाएगी।
करीब एक साल अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश धनंजय चतुर्वेदी ने की अदालत ने करीब आठ माह पूर्व के इस मामले में आज फैसला सुनाया।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक घाड़ क्षेत्र के अंतर्गत एक महिला के पति की मौत करीब आठ वर्ष पूर्व हो गई थी। पति की मौत के बाद से महिला अधिकतर दुगड्डा से कुछ दूर एक गांव स्थित मायके में ही रहती थी।
इस बीच कभी-कभार वह अपने ससुराल की ओर जाती व ससुराल पक्ष के हाल-चाल पूछ वापस मायके आ जाती। गत वर्ष 28 जून की शाम महिला ससुराल से मायके लौटने के दौरान दुगड्डा पहुंची। दुगड्डा में घर का सामान आदि खरीदने के बाद वह पैदल मायके की ओर चल दी।
आरोप है कि रास्ते में ग्राम जुवा निवासी उपेंद्र नेगी ने महिला से मारपीट कर न सिर्फ दुष्कर्म किया, बल्कि उसके कपड़े भी जला दिए। इस पर रात करीब साढ़े आठ बजे महिला निर्वस्त्र हालत में दुगड्डा स्थित राजस्व पुलिस चौकी पहुंची व पूरी घटना की जानकारी दी।
राजस्व उपनिरीक्षक ने आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया और तीस जून को उपेंद्र को गिरफ्तार किया गया। शासकीय अधिवक्ता नसीम बेग ने बताया कि मामले में उनकी ओर से पीड़िता के अलावा तीन अन्य गवाह पेश किए गए। इसके बाद न्यायालय ने उपेंद्र को मामले में दोषी पाया।
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