पत्नी को आत्महत्या के लिए उकसाने वाले पति को पांच साल की सजा
पिथौरागढ़ में दो साल पुराने पत्नी को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में कोर्ट ने पति को पांच साल की साज और 10 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है।
By sunil negiEdited By: Updated: Thu, 23 Jun 2016 07:49 PM (IST)
पिथौरागढ़, [जेएनएन]: पत्नी को आत्महत्या के लिए उकसाने वाले पति को न्यायालय ने पांच साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक मामला दो वर्ष पूर्व का है। पांच जून 2014 को ग्वाड़ी गांव निवासी गीता पत्नी जीवन सिंह ने घर के आगे एक पेड़ से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। मृतका की मां की रिपोर्ट पर पुलिस ने मृतका के पति जीवन सिंह को गिरफ्तार किया था।
जीवन सिंह की पहली शादी गीता की बड़ी बहन आशा के साथ हुई थी। आशा से संतान ना होने पर वह अपनी साली गीता को साथ ले आया था। इस पर पूर्व पत्नी आशा जीवन का घर छोड़कर अपने मां-बाप के साथ रहने लगी थी। बाद में वह नैनीताल चली गई थी। इस बीच गीता से दो बच्चे पैदा हुए। पढ़ें:- पति से झगड़ने पर घर से भागी, दे बैठी युवक को दिल, आगे क्या हुआ जानिए
जीवन सिंह गीता को दहेज के लिए प्रताड़ित करता रहता था। इससे आजिज आकर गीता ने आत्महत्या कर ली थी। मामले की सुनवाई जिला एवं सत्र न्यायालय में हुई। अभियोजन पक्ष ने इस मामले में मृतका की मां बसंती देवी, पिता हिम्मत सिंह और पूर्व पत्नी आशा देवी सहित अन्य गवाह पेश किए।
आज जिला एवं सत्र न्यायाधीश एसके त्यागी ने जीवन सिंह को धारा 306 का दोषी करार देते हुए पांच साल के सश्रम कारावास और 10 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया। अर्थदंड जमा नहीं करने पर छह माह का अतिरिक्त साधारण कारावास भुगतना पड़ेगा।
जीवन सिंह गीता को दहेज के लिए प्रताड़ित करता रहता था। इससे आजिज आकर गीता ने आत्महत्या कर ली थी। मामले की सुनवाई जिला एवं सत्र न्यायालय में हुई। अभियोजन पक्ष ने इस मामले में मृतका की मां बसंती देवी, पिता हिम्मत सिंह और पूर्व पत्नी आशा देवी सहित अन्य गवाह पेश किए।
आज जिला एवं सत्र न्यायाधीश एसके त्यागी ने जीवन सिंह को धारा 306 का दोषी करार देते हुए पांच साल के सश्रम कारावास और 10 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया। अर्थदंड जमा नहीं करने पर छह माह का अतिरिक्त साधारण कारावास भुगतना पड़ेगा।
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