केदारनाथ पूजा को लेकर दो धड़ों में बंटे तीर्थ पुरोहित
जागरण प्रतिनिधि, रुद्रप्रयाग: केदारनाथ में पूजा शुरू करने को लेकर तीर्थ पुरोहित दो धड़ों में बंट गए हैं। एक पक्ष सरकार के फैसलों का समर्थन कर रहा है तो दूसरा विरोध। कुछ तीर्थ पुरोहितों के केदारनाथ कूच को लेकर भी भीतर से विरोध के स्वर उठ गए हैं।
केदारनाथ में 11 सितंबर से पूजा शुरू होनी है। इनमें प्रशासन ने सीमित लोगों को ही जाने की अनुमति दी जाएगी। इसके लिए चयनित लोगों की लिस्ट भी तैयार की गई है। प्रशासन का तर्क है कि अभी केदारनाथ में सीमित सुविधाएं है। सुविधा के अनुसार ही वहां जाने की अनुमति दी जा रही है। इस टीम में कुछ तीर्थ पुरोहितों को भी शामिल किया गया है। वहीं सरकार के इस निर्णय से तीर्थ पुरोहितों का दूसरा धड़ा काफी आक्रोशित है। वह 11 सितंबर को केदारनाथ कूच करने की धमकी दे चुका है। साथ ही वह कूच की तैयारियों में जुट गया है। इससे प्रशासन की भी सिरदर्दी बढ़ सकती है। पूजा में तीर्थ पुरोहितों को जाने की अनुमति न देने का विरोध कर रहे तीर्थ पुरोहित दिनेश बगवाड़ी का कहना कि केदारनाथ में बुनियादी सुविधाएं जुटाने के बाद ही पूजा शुरू करनी चाहिए थी। पूजा शुरू करने में सरकार की जल्दबाजी के चलते ही यह स्थिति आई है।
दूसरी ओर तीर्थ पुरोहित व केदारनाथ नगर पंचायत सलाहकार समिति के पूर्व अध्यक्ष श्रीनिवास पोस्ती कहना है कि सरकार का यह फैसला स्वागत योग्य है। पूरे विश्व की नजर केदारनाथ में पूजा शुरू होने को लेकर लगी है। ऐसे में यहां पर प्राथमिकता के आधार पर पूजा शुरू कराई जा रही है, जबकि अन्य सुविधाएं बहाल होने पर सभी तीर्थ पुरोहित व आम भक्त भी भोले बाबा के दर्शन कर सकेगा। ऐसे में इस महत्वपूर्ण समय में केदारनाथ कूच जैसी बात करना गलत है।
मंदिर समिति के मुख्य कार्याधिकारी बीडी सिंह ने बताया कि पहले दस दिन के लिए सात तीर्थ पुरोहित मंदिर समिति की चौबीस सदस्यीय टीम शामिल होंगे। इसके बाद हर दस दिन बाद दस-दस सदस्य केदारनाथ भेजे जाएंगे।
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