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शीतकाल के लिए केदारनाथ और यमुनोत्री धाम के कपाट बंद

विश्व प्रसिद्ध धाम केदारनाथ के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। अब बाबा केदार की पूजा ऊखीमठ स्थित ओंकारेश्वर मंदिर में होगी। इस दौरान केदारनाथ में दो हजार श्रद्धालु उपस्थित थे।

By BhanuEdited By: Updated: Sat, 21 Oct 2017 10:52 PM (IST)
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शीतकाल के लिए केदारनाथ और यमुनोत्री धाम के कपाट बंद

रुद्रप्रयाग, [जेएनएन]: भैया दूज के पावन पर्व पर केदारनाथ और यमुनोत्री धाम के कपाट भी बंद कर दिए गए। अब श्रद्धालु बाबा केदार के दर्शन ऊखीमठ स्थित पंच गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर और यमुना के दर्शन उत्तरकाशी जिले के खरसाली गांव में कर सकेंगे। कपाट बंद होने के साथ बाबा केदार और मां यमुना की डोली अपने-अपने गंतव्य के लिए रवाना हो गईं। इससे पहले शुक्रवार को गंगोत्री मंदिर के कपाट बंद कर दिए गए थे। इसी के साथ तीन धामों के कपाट बंद हो चुके हैं, जबकि बदरीनाथ धाम के कपाट 19 नवंबर को बंद किए जाएंगे।

केदारनाथ धाम के कपाट बंद करने की प्रक्रिया प्रात: पांच बजे शुरू हो गई थी। इस दौरान रावल भीमाशंकर लिंग और मुख्य पुजारी बागेश लिंग के नेतृत्व में वेदपाठियों ने विशेष पूजा अर्चना के साथ ही बाबा केदार का महाभिषेक किया गया। गर्भगृह की पूजा और भोग लगाने के बाद बाबा केदार की पंचमुखी मूर्ति को उत्सव डोली में विराजमान किया गया और इसके साथ ही सुबह ठीक छह बजे गर्भगृह बंद कर दिया गया। मंत्रोच्चारण के बीच मंदिर की परिक्रमा और अन्य रस्में पूरी करने के बाद सुबह साढ़े आठ बजे मंदिर के कपाट बंद कर दिए गए।

भोले बाबा के जयकारे लगाते हुए करीब दो हजार श्रद्धालु डोली के साथ  पहले पड़ाव गौरीकुंड के पास रामपुर कस्बे के लिए रवाना हुए। जम्मू-कश्मीर रेजीमेंट के बैंड की मधुर धुन के साथ उत्सव डोली रात्रि विश्राम के लिए शाम को रामपुर पहुंची। रविवार सुबह डोली गुप्तकाशी के विश्वनाथ मंदिर के लिए रवाना होगी और सोमवार को ओंकारेश्वर मंदिर पहुंचेगी। इस अवसर पर केदारनाथ विधायक मनोज रावत, जिलाधिकारी मजिस्ट्रेट मंगेश घिल्डियाल और एसपी पीएन मीणा भी मौजूद थे। इसके अलावा यमुनोत्री धाम के कपाट दोपहर बाद 1.27 बजे बंद कर दिए गए। यमुनोत्री की डोली शीतकालीन प्रवास स्थल खरसाली में विराजमान कर दी गई। दूसरी ओर शुक्रवार को गंगोत्री धाम से रवाना हुई गंगा की डोली भी मुखबा पहुंच गई है। 

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