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पीएम का ड्रीम प्रोजेक्ट पूरा करने को केदारनाथ में दिन-रात काम

केदरानाथ में पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए अब यहां रात दिन काम चल रहा है। यह स्थिति तब है जब केदारनाथ में रात के समय तापमान माइनस में पहुंच जाता है।

By BhanuEdited By: Updated: Sat, 25 Nov 2017 09:00 PM (IST)
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पीएम का ड्रीम प्रोजेक्ट पूरा करने को केदारनाथ में दिन-रात काम

रुद्रप्रयाग, [बृजेश भट्ट]: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट मिशन केदारनाथ को अंजाम देने के लिए प्रदेश सरकार ने पूरी ताकत झोंक दी है। पुनर्निर्माण कार्यों को पूरा करने के लिए अब रात को भी काम शुरू कर दिया गया है। वजह यह कि मौसम कभी भी करवट बदल सकता है, ऐसे में काम के लिए समय कम है। शुक्रवार से रात दस बजे तक काम किया जा रहा है। रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने बताया कि श्रमिकों के अभ्यस्त होने के बाद इस समय को आगे बढ़ाया जा सकता है।

बीस अक्टूबर को केदारनाथ पहुंचे प्रधानमंत्री ने यहां पांच योजनाओं का शिलान्यास किया था। इसके बाद से प्रधानमंत्री कार्यालय कार्य की प्रगति पर सीधे निगाह रखे हुए है। योजनाओं को तय समय में पूरा करने के लिए प्रशासन कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहा। जिलाधिकारी तीन से केदारनाथ में डेरा डाले हुए हैं।

जिलाधिकारी ने बताया कि पहले चरण में रामबाड़ा से केदारनाथ तक पैदल मार्ग का निर्माण, मंदिर से संगम तक 250 मीटर लंबे और 50 मीटर चौड़े मार्ग के साथ ही मंदिर के पीछे सौंदर्यीकरण और बाढ़ सुरक्षा के कार्य किए जाने हैं। उन्होंने बताया कि ये सभी काम अगले साल यात्रा सीजन शुरू होने से पहले पूरे होने हैं।

जिलाधिकारी ने बताया कि लक्ष्य को तय समय में पूरा करने के लिए रात के वक्त भी काम करने का निर्णय लिया है। इन दिनों केदारनाथ में रात का तापमान शून्य से पांच डिग्री नीचे जा रहा है, इसलिए अभी रात दस बजे तक ही काम किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इन दिनों मंदिर के सामने संगम तक मार्ग चौड़ीकरण के लिए मलबा हटाया जा रहा है। इसमें 150 श्रमिक लगाए गए हैं। उन्होंने बताया कि प्रशासन की ओर से श्रमिकों के लिए जैकेट, दस्ताने, जूते और गर्म जुराब की व्यवस्था की गई है।

जिंदल ग्रुप की टीम ने लिया निर्माण कार्यो का जायजा

पुनर्निर्माण में सहयोग कर रहे जिंदल ग्रुप की टीम ने शनिवार को केदारनाथ में कार्यों का जायजा लिया। टीम में जिंदल स्टील के प्रबंध निदेशक सचिन जिंदल के साथ आर्किटेक्ट की टीम भी थी। टीम ने सबसे पहले मंदिर से संगम तक तब बनाए जा रहे पैदल मार्ग का निरीक्षण किया साथ ही बाढ़ सुरक्षा कार्यो को भी देखा। इसके बाद टीम ने जिलाधिकारी के साथ बैठक की। 

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