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गढ़वाली में धाराप्रवाह बोले डीएम, हर कोई हुआ मुरीद

जिम कार्बेट एवं श्रीदेव सुमन स्मृति समारोह में शामिल हर शख्स जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल का मुरीद हो गया। उन्होंने अपनी पूरी बात धाराप्रवाह गढ़वाली में लोगों के बीच रखी।

By Sunil NegiEdited By: Updated: Mon, 24 Jul 2017 04:34 PM (IST)
गढ़वाली में धाराप्रवाह बोले डीएम, हर कोई हुआ मुरीद
 रुद्रप्रयाग, [जेएनएन]: जिला मुख्यालय से लगे गुलाबराय में रविवार को आयोजित जिम कार्बेट एवं श्रीदेव सुमन स्मृति समारोह में शामिल हर शख्स जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल का मुरीद हो गया। उन्होंने अपनी पूरी बात धाराप्रवाह गढ़वाली में लोगों के बीच रखी और यह भी सुझाया कि आमजन अपनी समस्याओं का निदान कैसे करवा सकते हैं। 

पहाड़ी मूल के आइएएस अधिकारी मंगेश घिल्डियाल गत 17 मई को रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी के रूप में कार्यभार संभाला था। तब से वे पूरे मनोयोग से प्रशासनिक व्यवस्थाएं सुधारने और सरकारी शिक्षा को गुणवत्तापरक बनाने में जुटे हुए हैं। वह विद्यालयों में जाकर शिक्षक बन जाते हैं, छात्रों के बीच जमीन पर बैठकर मध्याह्न भोजन करते हैं और बच्चों से संवाद कर उनकी समस्याएं जानने का प्रयास करते हैं। वह आमजन से सीधे जुड़कर उनकी समस्याओं के निदान को भी लगातार प्रयासरत हैं। 

रविवार को भी ऐसा ही मौका था। गुलाबराय स्थित जिला पंचायत सभागार में आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे डीएम ने जब गढ़वाली में अपना संबोधन शुरू किया तो वहां मौजूद हर व्यक्ति एकटक सिर्फ उन्हीं को निहार रहा था। डीएम ने करीब पौन घंटे कार्यक्रम को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने पहाड़ से जुड़ी समस्याओं को एक-एक कर जिस शिद्दत से उठाया, लोग भावविभोर हो उठे। जब तक वह बोलते रहे, सभागार तालियों की गड़गड़ाहट से गूंजता रहा।

डीएम मंगेश ने पहाड़ से लगातार हो रहे पलायन को रोकने के लिए आमजन से सहयोग की अपील की। कहा कि यदि सभी लोग पलायन कर जाएंगे तो फिर पहाड़ में क्या बचेगा। पहाड़ की परंपराओं और संस्कृति को बचाने के लिए सभी को मिलकर कार्य करना होगा। कहा कि पलायन होना चाहिए, लेकिन सकारात्मक। इंटर तक शिक्षा लेने के बाद उच्च शिक्षा या नौकरी के लिए बाहर जाना है तो यह जरूरी है, लेकिन कुछ बनने के बाद पहाड़ में जरूर आएं।

डीएम ने कहा कि पहाड़ में पढ़े-लिखे छात्र भी ऊंचे मुकाम पर हैं। बस, सोच एवं दिशा सही होनी चाहिए, मंजिल मिल ही जाती है। कहा कि रुद्रप्रयाग जिले के दूरस्थ क्षेत्र के बच्चों ने बोर्ड परीक्षाओं की मेरिट में बड़ी संख्या में जगह बनाकर वह कर दिखाया, जो देहरादून समेत अन्य शहरों में रहने वाले बच्चे भी नहीं कर पाए। निश्चित रूप से इन छात्रों से अन्य छात्रों को भी हौसला मिलेगा।

प्रदेश में बढ़ रहे भ्रष्टाचार पर भी वह जमकर बोले। कहा कि शनिवार को गोपेश्वर में एक इंजीनियर घूस लेते हुए पकड़ा गया। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। सरकार वेतन के रूप में इतना मोटा पैसा दे रही है, इसके बाद भी भ्रष्टाचार का हिस्सा बनना सोच में खोट को दिखाता है।

मैं भी सरकारी स्कूलों में पढ़ा : डीएम

सभागार में मौजूद लोगों ने जब डीएम से अपने बारे में भी बताने की गुजारिश की तो वह बेबाकी से बोले, मैं भी सरकारी प्राथमिक विद्यालय में ही पढ़ा हूं। इसके बाद मैंने सरकारी इंटर कॉलेज से पढ़ाई की। हम तीन भाई-बहन हैं। बहन दोनों भाइयों से बड़ी है। पिता प्राथमिक विद्यालय के अध्यापक थे, जबकि मां अनपढ़ हैं।

आमजन के करीब आना एकमात्र ध्येय

डीएम के पौन घंटे के संबोधन का सार यही था कि वह हरसंभव आमजन के करीब रहना चाहते हैं। और...अच्छी बात यह है कि वह इस प्रयास में सफल भी हुए हैं। क्षेत्र की जनता से उसी की जुबान में संवाद करना भी इसी कड़ी का हिस्सा है।

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