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अगले वर्ष अप्रैल में केदारपुरी से विदा ले लेगा नेहरू पर्वतारोहण संस्थान

आपदा के बाद चार साल एक माह केदारपुरी को संवारने में जुटा रहा नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) अप्रैल 2018 में केदारनाथ से विदा ले लेगा। इसके लिए निम ने तैयारियां भी शुरू कर दी हैं।

By Sunil NegiEdited By: Updated: Fri, 28 Jul 2017 06:00 AM (IST)
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अगले वर्ष अप्रैल में केदारपुरी से विदा ले लेगा नेहरू पर्वतारोहण संस्थान
रुद्रप्रयाग, [बृजेश भट्ट]: आपदा के बाद चार साल एक माह केदारपुरी को संवारने में जुटा रहा नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) अप्रैल 2018 में केदारनाथ से विदा ले लेगा। इसके लिए निम ने तैयारियां भी शुरू कर दी हैं। निम के प्रधानाचार्य कर्नल अजय कोठियाल का कहना है कि 2013 की त्रासदी के बाद केदारपुरी में  बुनियादी सुविधाएं बहाल करने के लिए जो कार्य सरकार ने निम को सौंपे थे, वह सभी पूरे कर लिए गए हैं। कुछ कार्य शेष बचे हैं, जिन्हें अप्रैल 2018 तक पूरा कर लिया जाएगा। अब निम कोई भी नए कार्य नहीं लेगा।

2013 में 16-17 जून को आए सैलाब में केदारनाथ मंदिर को छोड़ पूरी केदारपुरी तहस-नहस हो गई थी। यहां तक गौरीकुंड से केदारनाथ जाने वाला पैदल मार्ग भी नहीं बचा। ऐसी विषम परिस्थितियों में कोई भी केदारपुरी को संवारने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था। सरकार भी असमंजस में थी कि क्या करे। 

तब निम के प्रधानाचार्य कर्नल अजय कोठियाल उम्मीद की किरण बनकर सामने आए। केदारपुरी को संवारने का संकल्प लेकर उन्होंने अपनी टीम के साथ मार्च 2014 में वहां कदम रखे और जुट गए धाम की तस्वीर बदलने में। उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती 2014 में यात्रा शुरू कराने की थी। 

लेकिन, हर ओर नरकंकालों के जमीन में दबे होने से निम कर्मियों के लिए वहां पानी पीना भी मुश्किल हो गया। लेकिन, उन्होंने हार नहीं मानी और अब नए रूप-रंग में सजी केदारपुरी देश-दुनिया के सामने है। 

निम की टीम 2014 से लेकर 2017 तक जनवरी-फरवरी के माइनस 20 डिग्री तापमान में भी पूरे मनोयोग से पुनर्निर्माण कार्यों में जुटी रही। भारी कार्यों के लिए बड़ी मशीनें व ट्रक सेना के हेलीकॉप्टर से केदारपुरी पहुंचाए गए। रामबाड़ा से केदारनाथ तक दाहिनी ओर की पहाड़ी पर नया पैदल मार्ग बनाया गया। 

साथ ही धाम में यात्रियों व तीर्थ पुरोहितों के लिए सभी बुनियादी सुविधाएं बहाल की गईं। इसके अलावा मंदिर के पीछे 300 मीटर लंबी त्रिस्तरीय सुरक्षा दीवार का निर्माण भी निम ने किया। निम के केदारनाथ मीडिया प्रभारी मनोज सेमवाल बताते हैं कि अप्रैल में संस्थान की टीम उत्तरकाशी लौट जाएगी। तब तक गतिमान कार्य पूरे किए जा चुके होंगे।

केदारपुरी में निम के मुख्य कार्य

-केदारनाथ मंदिर के आसपास हजारों टन मलबे को साफ कर मंदिर के सामने 50 फीट चौड़े रास्ते का निर्माण

-रामबाड़ा से केदारपुरी तक नए पैदल मार्ग का निर्माण

-आपदा के बाद वर्ष 2014 व 2015 में यात्रियों के रहने-खाने की पूरी जिम्मेदारी

-क्षतिग्रस्त भवनों का समतलीकरण समेत 40 नए भवनों का निर्माण

-मंदिर के पीछे 300 मीटर लंबी त्रिस्तरीय सुरक्षा दीवार का निर्माण

-सरस्वती व मंदाकिनी नदी में घाट का निर्माण

-केदारपुरी में दो पुलों का निर्माण

-मालवाहक हेलीकॉप्टर के लिए 100 गुणा 150 मीटर लंबे-चौड़े हेलीपैड का निर्माण

-चौराबाड़ी ताल से मलबा हटाने का कार्य

इन योजनाओं पर चल रहा कार्य

-तीर्थ पुरोहितों के लिए 40 भवनों का निर्माण

-मंदिर के पीछे सुरक्षा दीवार पर पेंटिंग व म्यूरल बनाने का कार्य

-मंदाकिनी व सरस्वती नदी के संगम पर बने घाट में चेंजिंग रूप का निर्माण

-भैरव मंदिर के ऊपर सुरक्षा दीवार का निर्माण

-मंदाकिनी व सरस्वती नदी पर पुल का निर्माण

केदारनाथ में निम अप्रैल 2018 तक कार्य करेगा

रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल का कहना है कि केदारनाथ में निम अप्रैल 2018 तक कार्य करेगा। नए कार्य अन्य सरकारी एजेंसियों को दिए गए हैं। वर्तमान में निम को भैरव मंदिर के पास सुरक्षा दीवार के निर्माण का कार्य सौंप गया है, जो अप्रैल तक बनकर तैयार हो जाएगी। निम के सभी कार्य सराहनीय रहे।

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