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पीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट को केदारनाथ में 15 से पुनर्निर्माण कार्य

पीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए केदारनाथ में 15 नवंबर से पुनर्निर्माण कार्य शुरू होंगे। इसके लिए वहां केदारनाथ विकास प्राधिकरण की स्थापना की जा रही है।

By BhanuEdited By: Updated: Sun, 05 Nov 2017 09:04 PM (IST)
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पीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट को केदारनाथ में 15 से पुनर्निर्माण कार्य

रुद्रप्रयाग, [जेएनएन]: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट केदारनाथ पुनर्निर्माण के कार्यों की रफ्तार तेज करने के लिए केदारनाथ में जल्द ही केदारनाथ विकास प्राधिकरण (केडीए) का कार्यालय खोला जाएगा। रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने बताया कि पांचों योजनाओं का सर्वेक्षण किया जा रहा है और 15 नंवबर से निर्माण कार्य शुरू कर दिए जाएंगे। इसके लिए एक-दो दिन में केदारनाथ में केडीए का कार्यालय भी खोल दिया जाएगा। हालांकि तीर्थ पुरोहित केडीए का विरोध कर रहे हैं।

पिछले माह बीस अक्टूबर को प्रधानमंत्री ने केदारनाथ में पांच योजनाओं का शिलान्यास किया था। इसके तहत आदि गुरु शंकराचार्य की समाधिस्थल का पुनर्निर्माण और संग्रहालय, गौरीकुंड से केदारनाथ पैदल मार्ग का चौड़ीकरण, मंदाकिनी के तट पर बाढ़ सुरक्षा एंव घाट निर्माण, सरस्वती नदी के तट पर बाढ़ सुरक्षा एंव घाट निर्माण और केदारनाथ में तीर्थ पुरोहितों के लिए आवास कानिर्माण किया जाना है। 

निर्माण कार्यों पर प्रधानमंत्री स्वयं नजर रख रहे हैं। इसलिए प्रदेश सरकार इस मामले में किसी तरह की ढील नहीं छोड़ना चाहती। निगरानी के लिए ड्रोन की खरीद के साथ ही गौरीकुंड से केदारनाथ के बीच प्रमुख पड़ावों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने का कार्य शुरू हो चुका है। 

इसी कड़ी में केदारनाथ में केदारनाथ विकास प्राधिकरण का कार्यालय भी खोला जा रहा है। फिलहाल गढ़वाल मंडल विकास निगम के अतिथि गृह के एक कमरे में कार्यालय संचालित होगा। जिलाधिकारी ने बताया कि संबंधित विभाग योजना की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि 15 नवंबर से केदारनाथ में नए निर्माण शुरू कर दिए जाएंगे। 

दूसरी ओर तीर्थ पुरोहित केदारनाथ विकास प्राधिकरण के गठन का विरोध कर रहे हैं। केदार सभा के अध्यक्ष विनोद शुक्ला ने बताया कि तीर्थ पुरोहितों की मांग है कि जब तक केदारनाथ आपदा से पहले जैसी स्थिति में नहीं आ जाता तब तक केडीए का गठन न किया जाए। 

उन्होंने कहा कि सरकार तीर्थपुरोहितों की भावनाओं के खिलाफ कार्य कर रही है। तीर्थपुरोहित समाज अपना विरोध जारी रखेगा। कहा कि पुरोहित प्रधानमंत्री से लेकर राष्ट्रपति तक अपना विरोध जता चुका है, इसके बावजूद यदि सरकार केडीए की स्थापना करती है तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है।

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