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जच्‍चा-बच्‍चा की मौत पर उठे सवाल, डॉक्‍टर पर कार्रवाई की मांग तेज

महिला के पति गजेंद्र का आरोप है कि जब जिला अस्पताल में ब्लड बैंक है तो महिला को ज्यादा खून बहने के बाद खून क्यों नहीं चढ़ाया गया। अगर खून चढ़ा दिया जाता तो महिला की जान बच सकती थी।

By gaurav kalaEdited By: Updated: Tue, 05 Jul 2016 06:46 PM (IST)
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नई टिहरी, [जेएनएन]: जिला अस्पताल में गर्भवती की मौत के मामले में डाक्टर पर कोई कार्रवाई न होने से नाराज मृतका के परिजनों ने डीएम कार्यालय पर धरना प्रदर्शन का ऐलान किया है। परिजनों का आरोप है कि डाक्टरों की लापरवाही से ही महिला और गर्भस्थ शिशु की मौत हुई।
जानकारी के अनुसार, जौनपुर ब्लॉक के कुनेर गांव निवासी गजेंद्र की पत्नी गुड्डी देवी (25 वर्ष) को बीती दो जून को बौराड़ी स्थित जिला अस्पताल में प्रसव पीड़ा होने पर भर्ती कराया गया था। लेकिन अस्पताल में कुछ देर इलाज के बाद डाक्टरों ने महिला को रेफर कर दिया।

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परिजनों का आरोप है कि वहां पर डाक्टरों ने दो घंटे तक महिला को अस्पताल में रखा और इलाज का आश्वासन दिया, लेकिन अधिक रक्तस्राव होने के कारण जब महिला की हालत बिगडऩे लगी तो महिला को हायर सेंटर रेफर कर दिया और महिला की चंबा में मौत हो गई।
इस मामले में सीएमओ ने जांच के आदेश दिए थे लेकिन जांच में कुछ नहीं निकला। महिला के पति गजेंद्र ने 22 जून को डीएम इंदुधर बौड़ाई से शिकायत कर डाक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी।

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ब्लड बैंक में क्यों नहीं मिला खून
महिला के पति गजेंद्र का आरोप है कि जब जिला अस्पताल में ब्लड बैंक है तो महिला को ज्यादा खून बहने के बाद खून क्यों नहीं चढ़ाया गया। अगर खून चढ़ा दिया जाता तो महिला की जान बच सकती थी। गजेंद्र का कहना है कि अगर हमें पहले ही बता दिया जाता कि महिला का इलाज जिला अस्पताल में नहीं हो सकता तो हम देहरादून रवाना हो जाते, लेकिन डाक्टरों ने हमें गुमराह किया।

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