घोटाले में शामिल बड़े मगरमच्छों को बचाने में जुटी एसआइटीः हरीश रावत
पूर्व सीएम हरीश रावत ने आरोप लगाया कि एनएच घोटाले की जांच कर रही एसआइटी बड़े मगरमच्छों को बचाने में जुटी है। उन्होंने घोटाले की जांच हाई कोर्ट की देखरेख में कराने की मांग की।
रुद्रपुर, [जेएनएन]: पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने एनएच मुआवजा घोटाले की जांच हाई कोर्ट की देखरेख में कराए जाने की मांग की। उन्होंने आरोप लगाया कि मामले की जांच कर रही एसआइटी बड़े मगरमच्छों को बचाने में जुटी है।
पूर्व सीएम ने कहा कि कुमाऊं आयुक्त ने इस मामले को उजागर किया तो उन्होंने ही अपनी सरकार में इसकी जांच शुरू कराई। बोले, इस घोटाले के प्रमुख दोषी तो एनएचएआइ के अधिकारी हैं, जिनकी मौजूदगी में इतना बड़ा घोटाला हो गया और उन्हें इसकी भनक तक नहीं लगी।
केंद्र के एक प्रभावी मंत्री के पत्र के बाद इस मामले से एनएचआइ के अधिकारियों को क्लीन चिट दे दी गई। उन्होंने कहा कि सीबीआइ की जांच पर भी कतई भरोसा नहीं है। एसआइटी राज्य सरकार के अधीन होने से राजनैतिक दबाव में है। ऐसे में इसकी जांच हाई कोर्ट के न्यायधीशों की निगरानी में कराए जाने की उन्होंने मांग की।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि प्रदेश में डबल इंजन की सरकार पूरी तरह फ्लाप साबित हुई है। केंद्र सरकार संसद सत्र टालकर जनता के प्रति जवाबदेही से बच रही है। केंद्र ने अभी जो विमान खरीद का सौदा किया है, वह अब तक का सबसे बड़ा रक्षा सौदा घोटाला है।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार कहती है कि न खाएंगे-न खाने देंगे, पर हालत यह हैं कि केंद्र के मंत्रियों के पुत्रों की संपत्ति एक साल में ही सैकड़ों गुना हो गई। इसकी जांच के लिए कोई तैयार नहीं है। रावत बोले, केंद्र ने नोटबंदी कर सबसे बड़ा घोटाला किया। रावत प्रदेश सरकार पर भी जमकर बरसे। बोले, प्रदेश के मुखिया जीरो टालरेंस की बात कर रहे हैं, पर इनके तमाम मंत्री बड़े घोटाले में लिप्त हैं।
मुख्यमंत्री मुझसे मंत्रियों के नाम पूछ रहे हैं, जबकि सरकार के एक मंत्री के कारनामे अखबारों में पटे पड़े हैं। मुख्यमंत्री पहले उनके खिलाफ कार्रवाई करें, तो मैं बाकी मंत्रियों के नाम भी बताने को तैयार हूं।
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