जमीन कब्जाने में फंसे यूपी के विधायक प्रेम प्रकाश सिंह, कोर्ट ने सात जुलाई को किया तलब
50 एकड़ कृषि भूमि पर कब्जे के मामले में उप्र की बरहज सीट से मौजूदा सपा विधायक और पूर्व मंत्री प्रेम प्रकाश सिंह सहित नौ लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया है।
रुद्रपुर, [जेएनएन]: स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रामअवध सिंह के आश्रितों को ग्राम बागवाला में आवंटित 50 एकड़ कृषि भूमि पर कब्जे के मामले में उप्र की बरहज सीट से मौजूदा सपा विधायक और पूर्व मंत्री प्रेम प्रकाश सिंह सहित नौ लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया है। इनमें सितारगंज की ब्लाक प्रमुख और प्रेम प्रकाश की पत्नी मंजूलता सिंह व उनके पुत्र शिववर्धन भी शामिल हैं। फर्जी वसीयतनामा तैयार कर कब्जाई गई इस जमीन के मामले में कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए सम्मन जारी कर उन्हें पांच जुलाई को तलब किया है।
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आजाद हिंद फौज के सिपाही रामअवध सिंह आजादी के बाद पुलिस में भर्ती हुए और डिप्टी एसपी के पद से रिटायर हुए थे। स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान को देखते हुए तत्कालीन उत्तर प्रदेश सरकार ने उन्हें कृषि कार्य के लिए मौजूदा ऊधमसिंह नगर जिले के रुद्रपुर के बागवाला गांव में 50 एकड़ भूमि आवंटित की थी। रामअवध की एकमात्र संतान उनकी पुत्री प्रभावती देवी थीं। 10 जून 1999 को रामअवध की मृत्यु के बाद प्रभावती ही चल-अचल संपत्ति की उत्तराधिकारी थीं। लिहाजा यह भूमि विरासतन चकबंदी न्यायालय की प्रक्रिया के अधीन उनके नाम दर्ज हुई। प्रभावती की शादी आजमगढ़ की तहसील बूढ़नपुर के सिहौरा गांव में हुई थी। इसलिए वह यहां नहीं आ सकीं।
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ऐसे में फर्जी वसीयतनामा तैयार कर उक्त जमीन को उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री और देवरिया जिले की बरहज सीट से मौजूदा सपा विधायक ठाकुर प्रेम प्रकाश सिंह ने अपने नाम करा लिया। पता लगने के बाद प्रभावती ने कई जगह शिकायती पत्र दिए, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हुई। अंतत: वह डीआइजी के पास पहुंचीं। तीन मई, 2014 को डीआइजी के आदेश पर धारा 420, 467, 468, 471, 506, 504 आइपीसी में प्रभावती की ओर से मुकदमा दर्ज किया गया। इस मुकदमे में प्रेमप्रकाश के अलावा गवाह ग्राम तिलियापुर, सितारगंज निवासी नवनाथ तिवारी और प्रेमनारायण नामजद किए गए। मुकदमे की विवेचना हुई तो इस मामले की परतें खुलती चली गईं। जांच के आगे बढ़ने पर पूर्व मंत्री की पत्नी सितारगंज की ब्लाक प्रमुख मंजूलता सिंह, पुत्र शिव वर्धन, पुत्रवधू निधि सिंह व एसबी सिंह, उनकी पत्नी गीता सिंह और पुत्रवधू शिखा सिंह के नाम भी जांच में शामिल कर लिए गए। गत 17 जून को इस मुकदमे की चार्जशीट धारा 420, 467, 468, 471, 504, 506, 342 व 120 बी में पुलिस ने कोर्ट में दाखिल की।
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इसमें प्रेम प्रकाश सिंह को धारा 420, 467, 468, 471, 504, 506 तथा 342 आईपीसी, गवाह नवनाथ तिवारी व प्रेमनारायण को धारा 420, 467, 468, 471 व 120 बी का दोषी पाया गया है। इसके अलावा निधि सिंह, शिववर्धन सिंह, मंजू लता सिंह, शिखा सिंह एवं गीता सिंह को धारा 420, 468 तथा 120 बी का दोषी व एसबी सिंह को 120 बी का दोषी माना गया है। मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी रुद्रपुर अंबिका पंत ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए इन सभी को समन जारी कर पांच जुलाई को तलब किया है।