यमुनोत्री में हर दूसरे दिन जान गंवा रहा एक यात्री
यमुनोत्री धाम में अब तक नौ यात्रियों की हृदयगति रुकने से अपनी जान गंवानी पड़ी।
शैलेंद्र गोदियाल, [उत्तरकाशी] : यमुनोत्री धाम से छह किलोमीटर पहले समुद्रतल से 2700 मीटर की ऊंचाई पर जानकीचट्टी कस्बा पड़ता है। जो यमुनोत्री धाम का बेस कैंप भी है। यहीं से यमुनोत्री के लिए पैदल यात्रा शुरू होती है। इस सीजन की यात्रा शुरू हुए अब तक 20 दिन हो चुके हैं और इस अवधि में नौ यात्रियों की हृदयगति रुकने से अपनी जान गंवानी पड़ी। यानी इस मार्ग पर हर दो दिन में एक यात्री की हृदयगति रुकने से मौत हो रही है। बावजूद इसके स्वास्थ्य महकमा चेता हो, ऐसा लगता नहीं।
यमुनोत्री धाम में हर रोज चार हजार से अधिक यात्री पहुंच रहे हैं, लेकिन इनकी जांच का जिम्मा सिर्फ दो चिकित्सकों पर है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार जानकीचट्टी में हर रोज 40 से 50 यात्रियों की ही स्वास्थ्य जांच हो पा रही है। ये वो यात्री हैं, जो स्वास्थ्य विभाग के कैंप तक पहुंच रहे हैं। बाकी का तो यमुनाजी ही आसरा हैं।
समुद्रतल से 3292 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यमुनोत्री धाम के लिए जानकीचट्टी से खड़ी चढ़ाई चढऩी पड़ती है। ऊंचाई अधिक होने के कारण यहां का वातावरण हृदय रोगियों के कतई अनुकूल नहीं। इसी को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग को जानकीचट्टी में बुजुर्ग यात्रियों की जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई है। और...स्वास्थ्य विभाग जिम्मेदारी का कितनी गंभीरता से निर्वहन कर रहा है, इसकी बानगी जानकीचट्टी में खोले गए स्वास्थ्य शिविर में देखी जा सकती है। जहां से होकर यमुनोत्री धाम के लिए हर रोज चार हजार से अधिक यात्री जा रहे हैं। जबकि, स्वास्थ्य की जांच हो रही है सिर्फ 40 से 50 यात्रियों की ही।
डिप्टी सीएमओ मेजर डॉ. बचन सिंह रावत बताते हैं कि जानकीचट्टी में एक फिजीशियन व एक एमबीबीएस चिकित्सक की तैनाती की गई है। जो रोजाना 40 से 50 यात्रियों का स्वास्थ्य जांच रहे हैं। अधिकांश यात्री बिना स्वास्थ्य जांच कराए ही यमुनोत्री चले जा रहे हैं।
जिले में नहीं है हृदय रोग विशेषज्ञ
यात्रा के दौरान दिल का दौरा पड़ने पर कोई व्यक्ति अस्पताल पहुंच भी गया तो, उसकी जान बच ही जाएगी, इसकी गारंटी नहीं। कारण, उत्तरकाशी जिले में एक भी हृदय रोग विशेषज्ञ नहीं है। जबकि, स्वास्थ्य विभाग ने उत्तरकाशी में यात्रा सीजन के लिए चार फिजीशियन व दो हृदय रोग विशेषज्ञ समेत दस चिकित्सकों की मांग की थी। लेकिन, केवल तीन चिकित्सक ही यात्रा रूट के लिए मिल पाए।
जानकीचट्टी में दो चिकित्सकों की तैनाती की गई है। यमुनोत्री जाने वाले यात्रियों की स्वास्थ्य जांच जानकीचट्टी के स्वास्थ्य कैंप में ही होती है।
-डॉ. जीएस रावत, सीएमओ उत्तरकाशी पढ़ें:-उत्तराखंड में बारिश और तूफान से तीन की मौत, तीन लापता
बीते पांच दिनों में यमुनोत्री पहुंचे यात्री
28 मई | 4579 |
27 मई | 3850 |
26 मई | 4215 |
25 मई | 3900 |
24 मई | 4266 |