बर्फीले तूफान ने रोका पर्वतारोहियों का रास्ता, केदारडोम पीक फतह कर लौटे
केदारनाथ पीक को फतह करने निकले पश्चिम बंगाल माउंटेरिंग एंड एडवेंचर स्पोर्टस फाउंडेशन के 11 सदस्यीय दल का रास्ता बर्फीले तूफान ने रोक दिया।
उत्तरकाशी, [जेएनएन]: पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से 6940 मीटर ऊंचाई वाले केदारनाथ पीक को फतह करने निकले पश्चिम बंगाल माउंटेरिंग एंड एडवेंचर स्पोर्टस फाउंडेशन के 11 सदस्यीय दल ने 6833 मीटर ऊंचाई वाले केदारडोम पीक का फतह कर तिरंगा लहराया। दल सदस्यों का लक्ष्य केदारनाथ पीक था, लेकिन बर्फीली तूफान और तेज हवाओं ने उनका रास्ता रोक दिया और उन्हें केदारडोम पीक पर ही तिरंगा फहराकर लौटना पड़ा। पश्चिम बंगाल माउंटेनयरिंग एंड एडवेंचर स्पोर्टस फाउंडेशन के तहत 11 सदस्यीय दल 30 अगस्त को उत्तरकाशी से केदारडोम पीक के लिए रवाना हुआ। टीम लीडर सुब्रत चक्रवर्ती ने कहा कि दल 30 अगस्त शाम गंगोत्रीधाम पहुंचा। 31 अगस्त सुबह दल सदस्यों ने चीड़वासा, भोजवासा के लिए आरोहण किया। जहां भोजवासा में दल ने रात्रि विश्राम किया।
एक सितंबर को भोजवासा से तपोवन के लिए रवाना हुआ। मौसम खराब होने पर दल को दो सितंबर को तपोवन में ही रुकना पड़ा। तीन सितंबर को दल बेसकैंप कीर्ति ग्लेशियर पहुंचा। जहां बर्फीले तूफान के कारण वह आगे नहीं बढ़ सके और कैंप में ही तूफान के खत्म होने का इंतजार करते रहे।
16 सितंबर को रात्रि तीन बजे दल के सदस्यों ने केदारडोम पीक के लिए आरोहण किया। जहां उन्होंने सुबह 8.30 बजे केदारडोम पीक पहुंचकर तिरंगा लहराया।
टीम में सुब्रत चक्रवती, तपशनाथ, विक्रमजीत देवनाथ, राजीव मंडल, चिरंजीवपाल, गणेश शाह, शुभममोर्य मजूमदा, शांतुनु बोमी, स्वरुप मित्रो, अनिरबन चौधरी और डा. देवाशीषधर शामिल थे।
टीम लीडर सुब्रत चक्रवर्ती ने कहा कि वह अब तक 18 चोटियों का आरोहण कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि केदारनाथ पीक जिसकी ऊंचाई 6940 मीटर है। इसके लिए पश्चिम बंगाल सरकार ने स्पांसर कर हमें यहां भेजा, लेकिन मौसम ने उनका रास्ता रोक लिया।
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