उत्तराखंड: चारधाम मार्गों पर कुछ राहत, 500 कांवड़िये अभी भी फंसे
चारधाम यात्रा मार्गों पर बारिश का क्रम हालांकि रविवार को भी जारी रहा, लेकिन रिमझिम फुहारों के चलते चुनौतियां कम पेश आईं।
उत्तरकाशी, [जेएनएन]: गंगोत्री मार्ग पर भूस्खलन जोन में फंसे कांवडिय़ों ने रविवार को राहत की सांस ली। सात सौ से ज्यादा पैदल कांवड़ियों को रस्सियों के सहारे निकाल लिया गया। देर रात बीआरओ ने दोपहिया वाहनों के निकलने लायक मार्ग खोल दिया, जिससे 300 वाहनों में तकरीबन 700 कावड़िये निकाल लिए गए, लेकिन अभी 150 बड़े वाहन वहीं फंसे है, जिनमें फंसे 500 कांवड़ियों का रास्ता खुलने का इंतजार अभी बना हुआ है। बदरीनाथ हाईवे तीसरे दिन भी बंद होने की वजह से तकरीबन छह सौ तीर्थयात्री विभिन्न पड़ावों पर फंसे हुए हैं।
अलबत्ता, केदारनाथ हाईवे पर आवाजाही शुरू हो गई, लेकिन पैदल ट्रैक पर दिक्कतें बनी हुई हैं। सुबह एसडीआरआफ और पुलिस के साथ सोनप्रयाग से केदारनाथ के लिए रवाना 376 यात्रियों को देर शाम गौरीकुंड में रोक दिया गया। रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन ने मौसम को देखते हुए यह कदम उठाया। कुमाऊं मंडल के खटीमा इलाके में बारिश से पुलिस चौकी की दीवार ढह गई।
पढ़ें:-घनसाली में भूस्खलन, दो मोटर मार्ग बंद; वाहन क्षतिग्रस्त
चारधाम यात्रा मार्गों पर बारिश का क्रम हालांकि रविवार को भी जारी रहा, लेकिन रिमझिम फुहारों के चलते चुनौतियां कम पेश आईं। खासकर, गंगोत्री हाईवे को खोलने में जुटी सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) की टीम ने काफी हद तक सुकून महसूस किया। गंगनानी में पहाड़ी से लगातार पत्थर गिरने की वजह से बचाव कार्य में बाधा आ रही थी। रविवार को पत्थर गिरने का क्रम थमा तो बीआरओ अवरुद्ध रास्ता खोलने में युद्धस्तर पर जुट गया।
हालांकि अभी सड़क से मलबा पूरी तरह नहीं हट पाया, लेकिन सात सौ से ज्यादा पैदल कांवड़ियों को निकाल लिया गया। देर रात दो पहिया वाहनों के लिए रास्ता खुलने पर करीब 700 कावड़ियों को निकाल लिया गया, जबकि 500 अभी फंसे हुए हैं। बीआरओ के कमान अधिकारी एसएस राय के अनुसार सुबह तक रास्ता खुलने की उम्मीद है। जिलाधिकारी दिपेंद्र चौधरी ने बताया कि प्रशासन ने वहां फंसे लोगों के रहने खाने की व्यवस्था कर दी है।
पढ़ें-भूस्खलन से गंगोत्री और यमुनोत्री हाईवे बंद, दो सौ कांवड़िये फंसे
बदरीनाथ हाईवे पागलनाला और लामबगड़ समेत तीन स्थानों पर लगातार तीसरे दिन भी बाधित रहा। यहां पड़ावों पर छह सौ से ज्यादा यात्री फंसे हुए हैं। सभी सुरक्षित स्थानों पर शरण लिये हुए हैं। जिला प्रशासन ने उनके खान-पान की समुचित व्यवस्था होने को दावा किया है। रुद्रप्रयाग जिले में पूरे दिन हल्की बारिश होती रही, बावजूद इसके केदारनाथ मार्ग पर दुश्वारियां पहले से कम हुई हैं। बीते रोज से सोनप्रयाग में डेरा डाले 376 यात्रियों को सुबह केदारनाथ के लिए रवाना किया गया, लेकिन शाम को इन्हें गौरीकुंड पड़ाव पर रोक दिया गया। यमुनोत्री हाईवे दोपहर बाद खुल गया। मानसरोवर यात्रा मार्ग पिथौरागढ़ के धारचूला में खेत के पास दस दिन से अधिक समय से बाधित चल रहा है।
पढ़ें:-उत्तराखंड में मूसलाधार बारिश, मकान गिरने से तीन दफन, कोटद्वार-नजीबाबाद रेल सेवा बाधित