महानदी से कर्सियांग तक ट्वॉय ट्रेन मार्च में
सिलीगुड़ी, हमारे संवाददाता : सिलीगुड़ी जंक्शन पर अब परिंदे भी पर नहीं मार पाएंगे। सिलीगुड़ी जंक्शन के पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था के लिए वहां पर इंटीग्रेटेड सिक्यूरिटी सिस्टम शुरू कर दिया गया है। इसका उद्घाटन सोमवार को एनएफ रेलवे के जीएम आरएस विर्दी ने किया। इस दौरान उन्होंने एनजेपी के महानंदा रनिंग रूम व तीस्ता रेस्ट हाउस तथा सिलीगुड़ी जंक्शन के डीएमयू शेड के नए कार्यालय का उद्घाटन भी किया। साथ ही बताया कि महानदी से कर्सियांग तक ट्वाय ट्रेन का परिचालन मार्च माह में शुरू होगा।
पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि सिलीगुड़ी जंक्शन व एनजेपी समेत विभिन्न स्टेशनों पर सुरक्षा व्यवस्था पर पुख्ता की जा रही है। सिलीगुड़ी जंक्शन सूत्रों द्वारा मिली जानकारी के अनुसार इंटीग्रेटेड सिक्यूरिटी सिस्टम रूम में लगाये गए टीवी स्क्रीन पर सिलीगुड़ी जंक्शन के प्लेटफार्म व अन्य जगहों पर लगाए गए आठ अत्याधुनिक एनॉलॉक कैमरे के माध्यम से मेटल डिटेक्टर व लगेज स्केनर समेत सिलीगुड़ी जंक्शन के प्लेटफार्म, स्टेशन व स्टेशन परिसर पर कड़ी नजर रहेगी। कैमरा पांच सौ मीटर तक की तस्वीर कैद कर सकता है। बताया गया कि इस तरह की प्रणाली गुवाहाटी, डिब्रूगढ़, एनजेपी, किशनगंज व कटिहार समेत सात और स्टेशनों पर लगाए जाने की प्रक्रिया चल रही है।
उन्होंने बताया कि दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे के तहत चलाई जाने वाली ट्वॉय ट्रेन के के लिए अभी तीनधरिया में ट्रैक का निर्माण कराया गया है। उसे जल्द ही चालू कर इसे सिलीगुड़ी जंक्शन से घायाबारी तक चलाया जाएगा। पगलाझोरा में जब तक लोक निर्माण विभाग द्वारा रोड नहीं बना दी जाती, तब तक ट्रैक का निर्माण नहीं हो सकता। वहीं उन्होंने कहा कि पर्यटकों के लिए महानदी व कर्सियांग के बीच कम दूरी की ट्वॉय ट्रेन चलाई जाएगी। महानदी से कर्सियांग के बीच ट्रैक ठीक रहने के बाद भी ट्वॉय ट्रेन का परिचालन नहीं हो पाता है। एनजेपी में प्लेटफार्म नंबर वन ए के बाद अब वन बी शुरू किया जा रहा है। डुवार्स में ट्रेन से कटकर हो रही हाथियों की मौत के मामले में जीएम ने कहा कि सिलीगुड़ी जंक्शन अलीपुरद्वार मार्ग पर जंगल बहुल क्षेत्रों में ट्रेनों की गति कम की दी गई है। हाथियों का आवागमन ट्रैक पर कम करने के लिए रेल अंडर पास व रेल लाइन के अगल-बगल फैंसिंग करने के लिए फारेस्ट विभाग व रेलवे विभाग मिलकर काम कर रहे हैं। उन्होंने सेवक-रंगपो रेल परियोजना के बारे में कहा कि जब तक पर्यावरण मंत्रालय से स्वीकृति नहीं मिलेगी, तब तक काम शुरू नहीं हो पाएगा। इस दौरान उन्होंने अन्य स्टेशनों का निरीक्षण भी किया।
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