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आइआइटी खड़गपुर ने एंबुलेंस के लिए विकसित की वायरलेस तकनीक

यह तकनीक गंभीर हालत में अस्पताल लाए जा रहे मरीजों के लिए जीवन रक्षक साबित होगी।

By Preeti jhaEdited By: Updated: Fri, 02 Jun 2017 05:10 PM (IST)
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आइआइटी खड़गपुर ने एंबुलेंस के लिए विकसित की वायरलेस तकनीक

कोलकाता, [जागरण संवाददाता] । इंडियन इंस्टीच्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आइआइटी) खड़गपुर ने ऐसी वायरलेस तकनीक विकसित की है, जिसकी बदौलत एंबुलेंस से अस्पताल लाए जा रहे मरीजों की हालत पर पल-पल नजर रखी जा सकेगी।

इस तकनीक से लैस एंबुलेंस को 'एंबुसेंस' नाम दिया गया है। आइआइटी खड़गपुर के डिपार्टमेंट ऑफ कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग के स्वान लैब में इस तकनीक को विकसित किया गया है। संस्थान की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया है कि एंबुसेंस में इसीजी, धड़कन की गति, शरीर का तापमान एवं रक्तचाप पर वायरलेस तकनीक से नजर रखी जा सकेगी।

इससे एंबुलेंस में लाए जा रहे मरीज की हालत पर दूर बैठे डाक्टर आसानी से नजर रख सकेंगे। डिपार्टमेंट ऑफ कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग के प्रोफेसर सुदीप मिश्रा ने कहा कि यह तकनीक एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल में स्थानांतरित किए जाने वाले मरीजों के लिए वरदान साबित होगी। अभी तक ऐसी कोई तकनीक नहीं थी, जिससे अस्पताल में मौजूद डाक्टर अस्पताल लाए जा रहे मरीज की हालत पर नजर रख सके। यह तकनीक गंभीर हालत में अस्पताल लाए जा रहे मरीजों के लिए जीवन रक्षक साबित होगी।

खासकर ऐसे मरीज, जिन्हें दिल का दौरा पड़ा हो अथवा किसी दुर्घटना के शिकार हुए हों। 'एंबुसेंस' में इंटरनेट कनेक्शन वाले लैपटॉप एवं टैबलेट मौजूद हैं। मरीजों में वायरलेस बॉडी सेंसर्स फिट कर दिए जाते हैं, जिससे अस्पताल में मौजूद डाक्टरों को उनकी हालत की पल-पल की जानकारी मिलती है और वे एंबुलेंस में मौजूद चिकित्साकर्मियों को जरुरी निर्देश देने में सक्षम होते हैं।

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