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किम को दोस्‍त बनाना चाहते हैं ट्रंप, लेकिन साथ-साथ दूसरी तैयारी भी जारी

ट्रंप ने किम को लेकर दिए अपने ताजा बयान में कहा कि वह उन्‍हें अपना दोस्‍त बनाना चाहते हैं और उम्‍मीद है कि वह इसमें समय रहते कामयाब भी हो जाएंगे।

By Kamal VermaEdited By: Updated: Tue, 14 Nov 2017 10:43 AM (IST)
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किम को दोस्‍त बनाना चाहते हैं ट्रंप, लेकिन साथ-साथ दूसरी तैयारी भी जारी

नई दिल्‍ली (स्‍पेशल डेस्‍क)। अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप और किम के बीच जुबानी जंग लगातार जारी है। लेकिन इस जुबानी जंग में कुछ ऐसी बात भी निकलकर सामने आई है जिसको पहली बार में स्‍वीकार करना कुछ मुश्किल जरूर लगता है। दरअसल, ट्रंप ने किम को लेकर दिए अपने ताजा बयान में कहा कि वह उन्‍हें अपना दोस्‍त बनाना चाहते हैं और उम्‍मीद है कि वह इसमें समय रहते कामयाब भी हो जाएंगे। उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब वह दक्षिण कोरिया, जापान और चीन की यात्रा से होकर आसियान शिखर सम्‍मेलन में हिस्‍सा लेने के लिए फिलीपींस पहुंचे हुए हैं।

उत्‍तर कोरिया को साधने को लेकर ट्रंप ने चीन से जो बात की उसमें पूर्व में लगाए प्रतिबंधों को और मजबूती से लागू करने का भी है, जिसको लेकर चीन ने ट्रंप को भरोसा भी दिया है। ट्रंप ने अपने ट्वीट में बताया कि चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने उन्हें भरोसा दिया है कि उत्तर कोरिया के खिलाफ वह जल्द प्रतिबंधों को बढ़ाएंगे। चिनफिंग भी चाहते हैं कि उत्तर कोरिया परमाणु हथियार कार्यक्रम को छोड़ दे।

हालांकि यह बात दीगर है कि ट्रंप ने अपना ताजा बयान किम के उस बयान के जवाब में दिया था जिसमें उन्‍होनें ट्रंप को बूढ़ा बताया था। ट्रंप ने इसके जवाब में कहा कि किम ने उन्‍हें बूढ़ा कहकर संबोधित किया जबकि उन्‍होंने कभी किम को मोटा और छोटा नहीं कहा है, बल्कि वह किम से दोस्‍ती करना चाहते हैं। उनके इस बयान के बाद राजनीतिक हलकों में इस बात की चर्चा हो रही है कि क्‍या किम को लेकर ट्रंप कुछ नरम हो गए हैं या यह सिर्फ एक दिखावा है। इन दोनों सवालों का अपने आप में वाजिब होना इसलिए भी जरूरी हो रहा है क्‍योंकि इन तीन देशों की यात्रा के दौरान उन्‍होंने उत्‍तर कोरिया को लेकर लगातार तीखी बयानबाजी की थी। इस दौरान उन्‍होंने सभी तीन देशों से उत्‍तर कोरिया पर अमेरिका का साथ देने की अपील भी की थी।

लेकिन इन सबके बीच अमेरिका दूसरी तरह से भी उत्‍तर कोरिया पर दबाव बनाने में लगाने हुआ है। इसके ही मद्देनजर अमेरिकी नौसेना दक्षिण कोरिया की नौसेना के साथ मिलने पूर्वी सागर ज्‍वाइंट एक्‍सरसाइज सोमवार से शुरू कर दी है। इसके लिए अमेरिका के तीन युद्धपोत वहां पहुंच चुके हैं। हालांकि अमेरिका के यह तीनों युद्धपोत पहले से ही कोरियाई प्रायद्वीप में मौजूद थे। इस अभ्‍यास में अमेरिका की तरफ से यूएसएस रोनाल्‍ड रेगन, यूएसएस निमित्‍ज और यूएसएस रुजवेल्‍ट हिस्‍सा ले रहे हैं। यह अभ्यास चार दिन तक चलेगा। यह पहला मौका है कि जब अमेरिका के तीन युद्धपोत इस तरह के अभ्‍यास में हिस्‍सा ले रहे हैं। इस अभ्‍यास से पहले ही दक्षिण कोरिया के ज्‍वाइंट चीफ ऑफ स्‍टॉफ ने कहा कि यह अभ्‍यास उत्‍तर कोरिया से उत्‍पन्‍न होते खतरे के मद्देनजर किया जा रहा है। उनके मुताबिक उत्तर कोरिया से संभावित मिसाइल खतरे को देखते हुए किया जा रहा है।

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