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किम और ट्रंप की जिद में मारे जाएंगे सियोल और टोक्यो के 20 लाख बेगुनाह लोग

उत्तर कोरिया की गतिविधियों पर निगाह रखने वाली एक अमेरिकी वेबसाइट ने बेहद डराने वाला खुलासा किया है।

By Kamal VermaEdited By: Updated: Sun, 22 Oct 2017 09:07 AM (IST)
किम और ट्रंप की जिद में मारे जाएंगे सियोल और टोक्यो के 20 लाख बेगुनाह लोग

नई दिल्‍ली (स्‍पेशल डेस्‍क)। अमेरिका से बढ़ते तनाव के बीच यदि उत्तर कोरिया ने दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल और जापान पर हमला कर दिया तो करीब 20 लाख लोगों की जान एक झटके में चली जाएगी। इतना ही नहीं इस हमले में कुछ हजार या कुछ लाख नहीं बल्कि करीब 70 लाख लोग घायल भी होंगे। इसकी आशंका उत्तर कोरिया की गतिविधियों पर निगाह रखने वाली एक वेबसाइट ने अपनी ताजा रिपोर्ट में जताई है। इस रिपोर्ट की जानकारी योनहॉप एजेंसी ने दी है।

यूएस की किम को धमकी

इस रिपोर्ट में उत्तर कोरिया की मौजूदा ताकत को देखते हुए इस तरह की आशंका जताई गई है। यह रिपोर्ट उस वक्‍त सामने आई है जब पिछले दो माह में उत्तर कोरिया ने सबसे शक्तिशाली परमाणु परीक्षण किया था और जापान के ऊपर से दो मिसाइल भी दागी थीं। इसके बाद पूरी दुनिया ने उत्तर कोरिया के इस कृत्‍य की कड़ी आलोचना की थी। अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने तो किम को सीधेतौर पर चेतावनी देते हुए दुनिया के नक्‍शे से उत्तर कोरिया को मिटा देने तक की धमकी दे डाली थी।

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सभी मिसाइलों का इस्‍तेमाल करने पर नुकसान

इस रिपोर्ट को तैयार करने वाले मिशेल जे जागुरेक जुनियर ने रिपोर्ट को बनाते समय इस बात को ध्‍यान में रखा है कि यह तबाही उस वक्‍त होगी जब उत्तर कोरिया अपनी सभी 25 मिसाइलों को सियोल और टोक्‍यो पर दाग दे। उनकी इस रिपोर्ट के मुताबिक इन मिसाइलों की करीब 15 से 250 किलोटन तक वारहैड ले जाने की क्षमता है। यहां पर यह भी बता देना जरूरी होगा कि सियोल की मौजूदा समय में आबादी करीब 24.1 मिलियन और टोक्‍यो की आबादी करीब 37.9 मिलियन है। इस रिपोर्ट में जु‍नियर ने इस हमले से होने वाले नुकसान को बीस, पचास और अस्‍सी फीसद में बांटा है। दक्षिण कोरिया ने उत्तर कोरिया से बढ़ते खतरे को भांपते हुए अपने यहां पर टर्मिनल हाई एल्‍टीट्यूट एयर डिफेंस (थाड) सिस्‍टम लगाया है। इसके अलावा जापान ने भी अपने यहां पर मिसाइल प्रणाली लगाई है।

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इन्‍हें है किम से सीधेतौर पर बड़ा खतरा

यहां पर यह बात समझनी जरूरी हो जाती है कि आखिर इस रिपोर्ट में सियोल और टोक्‍यो का ही जिक्र क्‍यों किया गया है। इसके पीछे भी कुछ खास वजह है। विदेश मामलों के जानकार इस बात को कुछ इस रूप में देखते हैं कि इन दोनों शहरों को उत्तर कोरिया से सीधेतौर पर बड़ा खतरा है। अमेरिका में बतौर भारतीय राजदूत अपनी सेवाएं दे चुकीं मीरा शंकर का भी यही मानना है। उनके मुताबिक बढ़ते तनाव के बीच जापान को सबसे बड़ा खतरा है।

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निशाने पर सियोल और टोक्‍यो

मीरा की तरह ही ऑब्‍जरवर रिसर्च फाउंडेशन के प्रोफेसर एचवी पंत भी यही मानते हैं। उन्‍होंने कहा, यदि युद्ध होता है तो टोक्‍यो ही नहीं सियोल भी उत्तर कोरिया के निशाने पर होगा। उनका मानना है कि उत्तर कोरिया की ताकत इतनी नहीं है कि वह अमेरिका तक अपनी मिसाइलों से मार कर सके। लेकिन इतनी जरूर है कि सियोल और जापान को बर्बाद कर सके। यहां पर ध्‍यान देने वाली बात यह भी है कि उत्तर कोरिया से सियोल महज 40 मील की दूरी पर है। ऐसे में उत्तर कोरिया की रेंज में आसानी से आ जाता है।

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कुछ घंटों में ही तबाह हो जाएगा सियोल

जुनियर ने अपनी रिपोर्ट में जिन बातों का जिक्र किया है उसका जिक्र अमेरिकी एयरफोर्स के रिटायर्ड कर्नल सैम गार्डनर भी एक इंटरव्‍यू में कर चुके हैं। उन्‍होंने एक मैगजीन को दिए इंटरव्‍यू में कहा था कि यदि अमेरिका और उत्तर कोरिया का युद्ध हुआ तो किम कुछ ही घंटों में सियोल को तबाह कर देगा। उन्‍होंने भी इस बात को माना कि टोक्‍यो समेत सियोल उसकी जद में हैं। सियोल यूं भी विश्‍व पटल पर एक अहम मुकाम रखता है।

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