नक्सली कर रहे बच्चों का इस्तेमाल, यूएन ने जताई चिंता
गुतेरस ने कहा, 'जम्मू-कश्मीर, छत्तीसगढ़ और झारखंड में हथियारबंद समूहों और सरकार के बीच संघर्ष में बच्चे प्रभावित हो रहे हैं।'
संयुक्त राष्ट्र, आइएएनएस। भारत में नक्सली व आतंकी संगठन अपनी गतिविधियों में बच्चों को भी शामिल कर रहे हैं। इस स्थिति पर संयुक्त राष्ट्र ने चिंता जाहिर की है। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुतेरस ने हथियारबंद संघर्ष में बच्चों की स्थिति पर रिपोर्ट जारी करते हुए माना कि माओवादियों ने छत्तीसगढ़ और झारखंड में बच्चों का इस्तेमाल कर हमले करवाए। वहीं जम्मू-कश्मीर में आतंकियों ने 30 स्कूल जला डाले।
गुतेरस ने कहा, 'जम्मू-कश्मीर, छत्तीसगढ़ और झारखंड में हथियारबंद समूहों और सरकार के बीच संघर्ष में बच्चे प्रभावित हो रहे हैं।' हालांकि रिपोर्ट में यह भी जिक्र है कि नक्सली पहले भारत के छह राज्यों में बच्चों का उपयोग हमले करवाने के लिए कर रहे थे लेकिन अब ये झारखंड व छत्तीसगढ़ तक सिमट कर रह गए हैं। यूएन महासचिव ने आगे कहा, 'हम चाहते हैं कि भारत सरकार जल्द से जल्द इस समस्या पर ध्यान दे और बच्चों को नक्सली व आतंकी संगठनों में भर्ती होने से बचाए। जो भर्ती हो चुके हैं, उन्हें भी मुख्यधारा में लाने की कोशिश करे। बच्चों की सुरक्षा हर हाल में सुनिश्चित होनी चाहिए।'
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में कहा गया है कि एक क्षेत्र में तो सुरक्षा बल के जवान कई सप्ताह तक चार स्कूलों में जमे रहे। यूएन रिपोर्ट के अनुसार हथियारबंद ग्रुप बच्चों को अपने संगठन में शामिल करने के लिए उनके माता-पिता को धमकी देते हैं। उग्रवादी इन्हीं बच्चों को प्रशिक्षित कर उनका इस्तेमाल संदेशवाहक, मुखबिर व बाल दस्ता के रूप में करते हैं। गुतेरस ने कहा कि छत्तीसगढ़ में कथित रूप में माओवादियों की ओर से चलाए जा रहे स्कूलों में बच्चों को जंग लड़ने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यह गंभीर विषय है। रिपोर्ट में झारखंड के गुमला में 2016 में 23 बच्चों को नक्सली संगठनों के कब्जे से मुक्त करा इनका स्कूल में नामांकन कराए जाने का भी उल्लेख है।
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