अमेरिकी सीनेट में हांगकांग के प्रदर्शनकारियों के समर्थन में बिल पास, अब ट्रंप पर टिकी नजरें
हांगकांग में चल रहे प्रदर्शन की वजह से चीन इस वक्त काफी चिंतित है। वहीं अमेरिका की सीनेट ने प्रदर्शनकारियों के समर्थन में एक बिल पास कर उसकी इस चिंता को बढ़ा दिया है।
By Kamal VermaEdited By: Updated: Wed, 20 Nov 2019 11:26 AM (IST)
वाशिंगटन [न्यूयॉर्क टाइम्स]। हांगकांग के मुद्दे पर दो तरफा घिरे चीन के लिए अमेरिका मुसीबत बन रहा है। यहां की संसद ने प्रदर्शनकारियों के हक में एक बिल पास (US Support Hong Kong pro-democracy activists) कर चीन को चिढ़ाने का काम किया है। ये प्रदर्शनकारी लोकतांत्रिक आजादी को लेकर पिछले छह माह से आंदोलन कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों को काबू करने के लिए अब चीन का रवैया भी लगातार सख्त होता जा रहा है। इसी के चलते चीन और हांगकांग की सरकार पर अब मानवाधिकार उल्लंघन के आरोप लग रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ अमेरिका लगातार प्रदर्शनकारियों के समर्थन में बयानबाजी कर रहा है। यही वजह है कि चीन और अमेरिका के बीच रिश्ते लगातार खराब हो रहे हैं। ट्रेड वार के बाद इन रिश्तों में गिरावट की यह दूसरी बड़ी वजह बना है।
बिल को कानून बनाने के लिए जरूरी
इस बिल को कानून बनाने के लिए जरूरी होगा कि अमेरिका का विदेश मंत्रालय हांगकांग को मिले विशेष दर्जे और व्यापार में मिली छूट की सालाना समीक्षा करे। गौरतलब है कि हांगकांग को यही विशेष दर्जा इसको चीन से अलग करता है। यदि इसके संवैधानिक ढांचे से किसी तरह की छेड़छाड़ होती है या इसको मिले विशेष दर्जे में बदलाव किया जाता है तो अमेरिका को हांगकांग के साथ हो रहे व्यापार पर विचार करना होगा।
ह्यूमन राइट्स एंड डेमोक्रेसी एक्ट
अमेरिकी सीनेट में पास किए गए बिल को हांगकांग ह्यूमन राइट्स एंड डेमोक्रेसी एक्ट (Hong Kong Human Rights and Democracy Act) का नाम दिया गया है। कांग्रेस में भी इसको पूरा समर्थन मिला है। इस बिल पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हस्ताक्षर के बाद यह कानून में तब्दील हो जाएगा। जहां तक ट्रंप की बात है तो आपको यहां पर ये भी बता दें कि मानवाधिकार से जुड़े मामलों (human rights abuses in Hong Kong) में वह कम ही अपनी राय व्यक्त करते हैं। इसी वजह से ट्रंप ने इस बिल पर अभी तक कोई भी बयान नहीं दिया है। हालांकि, प्रदर्शनकारियों ने इस बिल को जल्द ही कानून बनाने को लेकर अमेरिका से अपील तक की है।
छह माह से जारी है आंदोलन आपको बता दें कि हांगकांग में जारी प्रदर्शन को करीब छह माह हो गए हैं। ब्रिटेन को दी हुई लीज खत्म होने और इसको चीन को सौंपने के बाद चीन की सरकार ने पचास वर्षों तक यहां के विशेष दर्जे (Hong Kong special autonomous status) को बरकरार रखने पर हामी भी भरी थी। अमेरिकी सीनेट मार्को रुबियो का कहना है कि इस बिल का यह अर्थ बिल्कुल नहीं है कि अमेरिका उनके साथ खड़ा है, लेकिन इस बिल के कानून बनने के साथ चीन और हांगकांग की सरकारों की जवाबदेही जरूर तय हो जाएगी। इसके बाद मानवाधिकार उल्लंघन के लिए सीधेतौर पर हांगकांक की सरकार जिम्मेदार होगी।
बिल को जल्द पारित कराने की कोशिश मार्को चाहते हैं कि यह बिल जल्द से जल्द पास हो जाए। वहीं एक अन्य सीनेटर मीक मैककॉनेल बिल के अब तक पास न होने और इस पर हो रहे विलंब के लिए सरकार को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं। इस बिल को जल्द पास करवाने को लेकर रिपब्लिकन और डेमोक्रेट्स भी एकजुट होकर कोशिश कर रहे हैं। आपको यहां पर ये भी बता दें कि शनिवार को हांगकांग पोलिटेक्नीक यूनिवर्सिटी (Hong Kong Polytechnic University) में प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच जबरदस्त झड़प हुई थी। इसमें सैकड़ों प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार भी किया गया था। हांगकांग पुलिस का कहना है कि यह यूनिवर्सिटी प्रदर्शनकारियों का बड़ा अड्डा है और यहां पर हथियारों का बड़ा जखीरा एकत्रित किया हुआ है।
सब कुछ ठप छह माह से जारी इस आंदोलन ने हांगकांग की अर्थव्यवस्था को पूरी तरह से पटरी से उतार कर रख दिया है। मेट्रो, शॉपिंग मॉल, दुकानें, ऑफिस, स्कूल कॉलेज तक बंद हैं। इसके अलावा बीच में यहां के एयरपोर्ट को भी बंद करना पड़ गया था।
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