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कश्मीर पर पाकिस्तान को चीन का झटका, कहा- आपस में सुलझाओ मसला

चीन ने संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव को लागू करने के इस्लामी सहयोग संगठन (ओआईसी) के आह्वान को भी खारिज कर दिया।

By Manish NegiEdited By: Updated: Fri, 22 Sep 2017 08:48 PM (IST)
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कश्मीर पर पाकिस्तान को चीन का झटका, कहा- आपस में सुलझाओ मसला

बीजिंग, प्रेट्र। पाकिस्तान के सबसे बड़े मित्र राष्ट्र चीन ने कश्मीर मुद्दे पर उसका साथ देने से मना कर दिया है। चीन ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खाकन अब्बासी की कश्मीर पर संयुक्त राष्ट्र प्रस्ताव लागू करने की मांग भी ठुकरा दी। चीन ने कश्मीर को द्विपक्षीय मुद्दा बताया है। इसलिए पाकिस्तान को भारत के साथ मिलकर इसका समाधान तलाशने को कहा है।

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लु कांग ने कहा कि कश्मीर मुद्दे का समाधान भारत और पाकिस्तान के बीच ही होना चाहिए। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, 'कश्मीर मुद्दा साझे इतिहास से जुड़ा है। चीन को उम्मीद है कि भारत और पाकिस्तान बातचीत और आपसी संवाद से ज्वलंत मुद्दों को देख सकते हैं। दोनों देश संयुक्त रूप से क्षेत्रीय शांति और स्थिरता की सुरक्षा कर सकते हैं।'

भारत ने पाकिस्तान को बताया 'टेररिस्तान'

संयुक्त राष्ट्र में भारत की प्रथम सचिव इनम गंभीर ने शुक्रवार को पाकिस्तान को कड़ी फटकार लगाई। उन्होंने कहा, ‘इसके छोटे से इतिहास में पाकिस्तान आतंक का पर्याय बन गया है। यहां की जमीन अब शुद्ध तरीके से आतंकियों की मदद के लिए इस्तेमाल की जाती है। पाकिस्तान अब टेररिस्तान है, जहां से व्यापक तौर पर आतंकवाद का निर्यात हो रहा है।‘ उन्होंने पाक को आतंकियों के लिए स्वर्ग बताते हुए चेताया कि पाक को यह समझ जाना चाहिए की जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है।

पाक ने अलापा कश्मीर राग

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी ने संयुक्त राष्ट्र में भारत पर निशाना साधते हुए कहा था कि कश्मीर में लोगों के संघर्ष को भारत द्वारा कुचला जा रहा है। भारत पर उनके देश के खिलाफ आतंकी गतिविधियों में लिप्त होने का आरोप लगाते हुए अब्बासी ने संयुक्त राष्ट्र से कश्मीर के लिए विशेष दूत नियुक्त करने का अनुरोध किया।

अब्बासी ने कहा कि कश्मीर विवाद को शांतिपूर्ण और उचित तरीके से सुलझाना चाहिए। चूंकि भारत, पाकिस्तान के साथ शांति प्रक्रिया बहाल करने का इच्छुक नहीं है तो हम सुरक्षा परिषद से जम्मू कश्मीर पर उसके घोषणापत्र को लागू करने के दायित्वों को पूरा करने का अनुरोध करते हैं। उन्होंने कहा कि इस वर्ष जनवरी से लेकर अब तक भारत-पाकिस्तान सीमा पर 600 से ज्यादा बार संघर्षविराम उल्लंघन होने के बावजूद पाकिस्तान ने संयम के साथ कार्रवाई की है।

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