शी संग वार्ता के लिए चीन पहुंचे ट्रंप, उत्तर कोरिया भी होगा मुद्दा
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप तीन दिवसीय दौरे पर आज चीन पहुंचे हैं। चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग से वे विभिन्न मुद्दों पर वार्ता करेंगे।
बीजिंग (प्रेट्र)। चीन के राष्ट्रपति चिनफिंग से वार्ता के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बुधवार को चीन पहुंचे। दोनों राष्ट्रपति के बीच कई मुद्दों पर बात होगी जिसमें उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रमों को रोकने का भी मुद्दा शामिल होगा। इसके अलावा दोनों देशों के बीच व्यापार में आने वाली बाधाओं पर भी बातचीत होगी। ट्रंप के इस तीन दिवसीय चीन दौरे में दोनों देशों के बीच व्यापारिक समझौते होने की भी उम्मीद जताई गयी।
यहां ट्रंप के कार्यक्रम की शुरुआत चीनी समकक्ष शी के साथ होगी। इसके बाद दोनों चीन के प्रतिष्ठित फॉरबिडेन सिटी का दौरा करेंगे। गुरुवार को ग्रेट हॉल ऑफ पीपुल में ट्रंप का शानदार स्वागत समारोह होगा जहां वे शी के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। ट्रंव बिजनेस इवेंट में शामिल होंगे। इसके अलावा ट्रंप चीनी लि कियांग से भी मुलाकात करेंगे। विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने मीडिया को बताया ट्रंप का यह चीन दौरा दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूती प्रदान करेगा और इसे नई दिशा प्रदान करेगा। चीन में अमेरिका के राजदूत टेरी ब्रानस्टाड ने कहा कि दोनों राष्ट्रपतियों के बीच यह मुलाकात कई मुश्किल मुद्दों के समाधान में मददगार होगा।
चीन के साथ अमेरिका का गुड्स एंड सर्विसेज व्यापार कुल 648.2 बिलियन का आंकड़ा है जिसमें चीन का शेयर 478.9 बिलियन डॉलर (निर्यात) है। अमेरिकी व्यापारिक आंकड़ों के अनुसार, चीन को अमेरिका का निर्यात 169.3 बिलियन डॉलर है। ट्रंप की ओर से शी पर इस बात का भी जोर दिया जा रहा है कि वह अपने पड़ोसी देश उत्तर कोरिया पर परमाणु व मिसाइल कार्यक्रमों को बंद करने का दबाव डाले। ट्रंप ने कल कहा था कि परमाणु हथियार से लैस उत्तर कोरिया के खतरे से निपटने में शी काफी मददगार रहे हैं।
भारत, जापान व ऑस्ट्रेलिया के साथ अमेरिका द्वारा काम करने की कोशिश को लेकर चीन डरा हुआ भी है। जापान ने चीन के बेल्ट रोड वाले कदम के विरोध में नए सिल्क रोड प्लान तैयार करने का प्रस्ताव चारों देशों के सामने रखा है। विवादित दक्षिण और पूर्व चीन सागर पर चीन द्वारा किए गए दावों को अमेरिका अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन बताता रहा है।
वियतनाम, फिलीपिंस, मलेशिया, ब्रुनेई और ताइवान के साथ विवादित दक्षिण चीन सागर के अधिकांश हिस्से पर चीन अपना दावा करता है। पूर्व चीन सागर में सेनकाकु द्वीप पर भी ीन ने अपना दावा किया है। दक्षिण चीन सागर पर चीन के इस आधिपत्य को अमेरिका नैविगेशन की आजादी के प्रति देश हित पर खतरा बताता है।