उत्तर कोरिया के खिलाफ चीन पर ट्रंप का दबाव, रूस से भी मदद की उम्मीद
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीनी समकक्ष शी चिनफिंग पर जोर डालते हुए अमेरिका के लिए परेशानी का सबब बने उत्तर कोरिया व उसके विकसित हो रहे परमाणु हथियारों को खत्म करने में मदद की बात कही।
बीजिंग (रायटर्स)। उत्तर कोरिया को विश्व के लिए खतरा बता चुके अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने चीन यात्रा के दौरान भी यही राग अलाप रहे हैं। ट्रंप ने उत्तर कोरिया से निपटने के लिए चीन व रूस से मदद की उम्मीद जतायी है। इस यात्रा पर आने से पहले भी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग परमाणु हथियारों से संपन्न उत्तर कोरिया की ओर से उत्पन्न खतरे से निपटने में बहुत मददगार रहे हैं और उम्मीद जतायी की रूस भी उसी तरह सहायक होगा।
चीन के पास है आसान उपाय
उत्तर कोरियाई परमाणु मुद्दे के समाधान के लिए ट्रंप ने चीन पर दबाव बनाया है। उन्होंने कहा कि अमेरिका में द्विपक्षीय व्यापार उचित नहीं जबकि चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने कहा है कि उनका देश विदेशी कंपनियों का खुले तौर पर स्वागत करने के लिए तैयार है। उत्तर कोरिया पर ट्रंप ने कहा, ‘चीन इस मुश्किल का समाधान तुरंत और आसानी से कर सकता है। ट्रंप ने बीजिंग से उत्तर कोरिया के साथ सभी आर्थिक गतिविधियों को खत्म करने का आग्रह किया और रूस से भी मदद की अपील की।
अमेरिका-चीन फर्मों के बीच डील
चीन की राजधानी बीजिंग में ट्रंप अमेरिका-चीनी फर्मों के बीच कॉमर्शियल डील में करीब 250 बिलियन डॉलर पर हस्ताक्षर की घोषणा की बात कर रहे थे। ट्रंप ने शी की तारीफ करते हुए उन्हें स्पेशल व्यक्तित्व कहा। उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया कि व्यापारिक असंतुलन के लिए वे चीन को नहीं बल्कि अपने पूर्ववर्ती शासकों को दोषी मानते हैं। उन्होंने आगे कहा, ‘लेकिन हम इसे संतुलित कर लेंगे और यह हमदोनों के लिए काफी बेहतर कदम होगा।‘
उत्तर कोरिया पर नकेल कसे चीन
ट्रंप ने चीन पर जोर देते हुए कहा कि यह उत्तर कोरिया और इसके परमाणु हथियारों पर नकेल कसे।
शी की ओर इशारा करते हुए ट्रंप ने कहा, ‘मैं विश्वास करता हूं कि इसका समाधान आपके पास है।‘ शी ने बताया कि ट्रंप के साथ उन्होंने बातचीत किया और कई मुद्दों पर आपसी सहमति भी बनी है। उन्होंने कहा, चीन और अमेरिका ने पिछले एक साल से सभी मोर्चों पर उच्च स्तरीय वार्ता को मजबूत किया और कोरियाई प्रायद्वीप और अफगानिस्तान जैसे प्रमुख अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर समन्वय बढ़ाया है। शी ने कहा अमेरिका और चीन के बीच संबंध नये शुरुआत की ऐतिहासिक बिंदु पर हैं।
एक अमेरिकी अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि दोनों पक्षों की ओर से यही चाहत है कि ट्रंप के इस पहले चीन के दौरे के दौरान दोनों देशों के बीच मौजूद विवाद को कम किया जा सके और अप्रैल सम्मेलन का सकारात्मक माहौल फिर से बने। ट्रंप से भी यही उम्मीद की गयी कि स्वशासित ताइवान, दक्षिण चीन सागर जैसे विवादित मुद्दों को शी के साथ बातचीत में वे नहीं उठाएंगे। हालांकि दोनों निजी तौर पर इन मामलों पर बात कर सकते हैं।
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