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    तानाशाह Kim Jong Un से भी क्रूर है बहन किम यो जोंग, पहले धमकी फिर तुरंत एक्शन

    By Vinay TiwariEdited By:
    Updated: Tue, 16 Jun 2020 11:12 PM (IST)

    नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन की बहन किम यो जोंग ने दो दिन पहले साउथ कोरिया को धमकी दी थी कि उनको अंजाम भुगतना पड़ेगा सोमवार को सीमा पर बने आफिस को विस्फोट से उड़वा दिया।

    तानाशाह Kim Jong Un से भी क्रूर है बहन किम यो जोंग, पहले धमकी फिर तुरंत एक्शन

    प्योंगयांग। नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन तो अपनी क्रूरता के लिए पहले से ही कुख्यात हैं मगर उनकी बहन किम यो जोंग और भी क्रूर है। इसका जीता जागता उदाहरण सामने हैं। दो दिन पहले तानाशाह की बहन किम यो जोंग ने साउथ कोरिया को धमकाते हुए कहा था कि वो सीमा पर गुब्बारे छोड़ने वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रहे हैं, इसका परिणाम उनको भुगतना पड़ेगा। 

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    रॉयटर्स एजेंसी के अनुसार ये कहने के बाद दोनों देशों के बीच हॉटलाइन और सीमा पर बने संपर्क कार्यालय को बंद कर दिया गया था। दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया था। दरअसल नॉर्थ कोरिया से काफी संख्या में लोग भागकर साउथ कोरिया पहुंच गए हैं, अब ये ही लोग दोनों देशों की सीमा पर पहुंचकर वहां हाइड्रोजन से भरे गुब्बारे उड़ाते हैं, इन गुब्बारों के साथ किम की ज्यादतियों और क्रूरता के पर्चे बनाकर बंटा जाता है। इन पर्चों को उड़ाए जाने वाले गुब्बारों के साथ बांध दिया जाता है ये गुब्बारे उड़कर नॉर्थ कोरिया की सीमा में पहुंच जाते हैं वहां लोग इनको उठाकर पढ़ते हैं और तानाशाह के प्रति दुर्भाव रखते हैं। 

    इन चीजों का पता चलने के बाद किम की बहन यो जोंग ने साउथ कोरिया को धमकाते हुए कहा था कि यदि वो इन चीजों पर प्रतिबंध नहीं लगा सकता तो नॉर्थ कोरिया उनके साथ संबंध खत्म कर लेगा, दो दिन पहले दोनों देशों के बीच बनाई गई हॉटलाइन को बंद कर दिया गया। हॉटलाइन बंद होने के बाद साउथ कोरिया से संबंध सुधारने की दिशा में कदम उठाए गए मगर नॉर्थ कोरिया नहीं माना। अब आज नॉर्थ कोरिया ने सीमावर्ती शहर केसोंग में स्थित इस संपर्क कार्यालय को विस्फोट से उड़वा दिया। 

    बढ़ गया दोनों देशों में तनाव 

    इस घटना के बाद कोरियाई प्रायद्वीप में तनाव बढ़ गया है। दक्षिण कोरिया के एकीकरण मंत्रालय ने कहा है कि यह कार्यालय नॉर्थ कोरिया के सीमावर्ती शहर केसोंग में स्थित था और इसे सोमवार को दिन में दो बजकर 49 मिनट पर विस्फोट करके उड़ा दिया गया। इसके अलावा मंत्रालय ने और कोई जानकारी मुहैया नहीं कराई है। साउथ कोरिया की सरकारी समाचार एजेंसी योनहाप द्वारा जारी की गई तस्वीरों में इमारत से धुआं उठता दिखाई दे रहा है।

    इससे पहले नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन की बहन किम यो जोंग ने खराब होते रिश्तों और सीमा पर उत्तर कोरिया विरोधी गुब्बारों को रोकने में असमर्थ रहने के लिए भी साउथ कोरिया पर हमला बोला था। उन्होंने कहा था कि साउथ कोरिया जल्द ही सीमा पर बने बेकार संपर्क कार्यालय के बंद होने का गवाह बनेगा। तानाशाह की बेहद शक्तिशाली बहन ने कहा कि वह नॉर्थ कोरिया के सैन्य नेताओं के ऊपर यह छोड़ती हैं कि वे क्या जवाबी कार्रवाई साउथ कोरिया के खिलाफ करते हैं। 

    कुछ देर पहले ही सेना भेजने की दी थी धमकी 

    संपर्क कार्यालय उड़ाने से कुछ घंटों पहले ही नॉर्थ कोरिया ने समझौते के तहत स्थापित किए गए विसैन्यीकृत इलाके में सेना भेजने की धमकी दी थी। जिसके बाद कोरियाई पीपुल्स आर्मी के जनरल स्टाफ ने कहा था कि वह सत्तारूढ़ वर्कर्स पार्टी की सिफारिश की समीक्षा कर रहा है। हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि नॉर्थ कोरिया की सेना दक्षिण के खिलाफ क्या कार्रवाई कर सकती है।

    उधर, साउथ कोरिया के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता चोई ह्यून-सू ने कहा कि साउथ कोरिया और अमेरिका की सेनाएं नॉर्थ कोरियाई सेना की गतिविधियों की कड़ी निगरानी कर रही हैं। उन्होंने दोनों देशों के बीच हुए समझौते को अमल में लाने की बात एक बार फिर दोहराई। सोमवार को साउथ कोरिया के राष्ट्रपति मून जे इन ने नॉर्थ कोरिया से तनाव खत्म करके एक बार फिर बात करने का आग्रह किया था।

    जनवरी से बंद था संपर्क कार्यालय 

    नॉर्थ कोरिया और साउथ कोरिया के बीच केसोंग में बना संपर्क कार्यालय कोरोनावायरस की वजह से जनवरी से बंद था। इसे वर्ष 2018 में किम जोंग उन और साउथ कोरियाई राष्ट्रपति मून जेई इन के बीच तीन शिखर वार्ता के बाद खोला गया था। पहले इस भवन का उपयोग केसोंग इंडस्टि्रयल कांप्लेक्स के कार्यालय के तौर पर होता था। केसोंग इंडस्टि्रयल कांप्लेक्स दोनों देशों का एक संयुक्त उद्यम था, जिसे 2016 में नॉर्थ कोरिया के परमाणु और मिसाइल कार्यक्रमों पर असहमति के कारण निलंबित कर दिया गया था। 

    साउथ कोरिया ने चार मंजिला इस भवन के नवीनीकरण के लिए 2018 में 65 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च किए थे। जब यह संपर्क कार्यालय चलता था तो दोनों देशों के दर्जनों अधिकारी यहां बैठकर काम करते थे। इतना ही नहीं साउथ कोरिया के अधिकारी प्रत्येक सप्ताह नॉर्थ कोरिया के इस संपर्क कार्यालय में आते थे और यहां स्थित आवासीय इमारतों में ठहरते थे।