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इराकी सेना का दक्षिणी किरकुक के महत्‍वपूर्ण स्‍थानों पर कब्‍जा, पीछे हटे कुर्द

इराकी संघीय बल करीब एक महीने से चली आ रही राजनीतिक लड़ाई को खत्म करने के लिए आज तड़के कुर्दों के कब्जे वाले विवादित इलाके में प्रवेश कर गए।

By Tilak RajEdited By: Updated: Mon, 16 Oct 2017 01:46 PM (IST)
इराकी सेना का दक्षिणी किरकुक के महत्‍वपूर्ण स्‍थानों पर कब्‍जा, पीछे हटे कुर्द

बगदाद, रायटर। इराकी सेना ने सोमवार को तेल के समृद्ध शहर किरकुक के दक्षिण में स्थित कई महत्‍वपूर्ण क्षेत्रों को अपने कब्‍जे में ले लिया है। इस क्षेत्र को पिछले महीने जनमत संग्रह के नतीजे आने के बाद कुर्दों ने स्वतंत्र घोषित करने कर दिया था। इराकी सेना ने जिस क्षेत्र को अपने कब्‍जे में लिया है, उसमें एक प्रमुख एयरबेस शामिल है।

बताया जा रहा है कि इराकी सेना ने इस क्षेत्र में एयरबेस के-1, नॉर्थ गैस कंपनी स्‍टेशन, एक पॉवर प्‍लांट और औद्योगिक जिले का अपने कब्‍जे में ले लिया है। इराकी सशस्‍त्र सेनाओं का आगे बढ़ना जारी है। हालांकि कुर्दिस्तान क्षेत्रीय सरकार (केआरजी) ने इस क्षेत्र पर कब्जा करने की पुष्टि नहीं की है, लेकिन प्रमुख कुर्द टीवी रुडोव ने कहा कि कुर्दिश पेशमर्गा बल किरकुक के दक्षिणी भाग से पीछे हट रहा है।

दरअसल, इराकी संघीय बल करीब एक महीने से चली आ रही राजनीतिक लड़ाई को खत्म करने के लिए आज तड़के कुर्दों के कब्जे वाले विवादित इलाके में प्रवेश कर गए। इस्लामिक स्टेट समूह के खिलाफ तेल समृद्ध शहर किरकुक को बचाने के लिए तीन साल पहले कुर्द मिलिशिया ने इलाके को अपने कब्जे में ले लिया था। सरकारी टीवी अल इराकिया ने कहा कि इराकी सेना, संघीय आतंकवाद विरोधी बल और पुलिस इकाइयां शहर के बाहरी क्षेत्र में स्थित ग्रामीण इलाकों में प्रवेश कर गए। कुर्द पेशमर्गा बलों की ओर से उन्हें किसी प्रकार के प्रतिरोध का सामना नहीं करना पड़ा। बहरहाल, शहर के कुछ निवासियों और इराकी मिलिशिया कमांडर ने गोलाबारी होने की बात कही है।

अल-इराकिया ने प्रधानमंत्री हैदर अल-आब्दी के दफ्तर की ओर से जारी एक बयान के हवाले से कहा गया है कि इराकी नेता ने संघीय बलों को स्थानीय बाशिंदों और पेशमर्गा (कुर्दों के राष्ट्रवादी संगठन के छापामार सदस्य) की मदद से शहर में सुरक्षा व्यवस्था लागू करने का आदेश दिया है। उन्होंने संकेत दिया कि वह शहर के प्रशासन को कुर्दिश स्वायत्त क्षेत्र के साथ साझा करना चाहते हैं जिसके पड़ोस में किरकुक प्रांत है।

यह कदम आजादी की खातिर कुर्दों द्वारा विवादित जनमत संग्रह के लिए मतदान करने के तीन हफ्ते बाद आया है। इस जनमत संग्रह को बगदाद ने मानने से इनकार कर दिया है।

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