जानें कोरोना से जंग जीतने के लिए कैसे भारत के उठाए गए कदमों को फॉलो कर रहा है जर्मनी
जर्मनी भी कोरोना से जंग में लगभग वही कदम उठा रहा है जो अब तक भारत ने उठाए हैं। मर्केल ने साफ कर दिया है यदि एहतियात नहीं बरती गई तो नुकसान भी अधिक होगा।
By Kamal VermaEdited By: Updated: Thu, 16 Apr 2020 05:21 PM (IST)
बर्लिन। भारत ने दो दिन पहले ही लॉकडाउन की समय सीमा को 3 मई तक बढ़ाने का एलान किया था। ये एलान खुद पीएम मोदी ने देश को संबोधित कर किया था। इसी दिन जर्मनी में भी चांसलर एंजेला मर्केल ने अपने सभी राज्यों के मुखियाओं से लॉकडाउन को लेकर गहन विचार विमर्श किया था। इसके बाद उन्होंने भी अपने यहां पर लॉकडाउन की समय सीमा को बढ़ाकरत 3 मई तक कर दिया। आपको बता दें कि ये तीसरा मौका था कि जब जर्मनी ने अपने यहां पर लॉकडाउन की समय सीमा को बढ़ाया था।
आपको बता दें कि कोरोन संक्रमण से सबसे अधिक प्रभावित यूरोप के पांच देशों में से एक जर्मनी भी है। हालांकि वहां पर मरीजों का आंकड़ा ज्यादा होने के बावजूद मरने वालों की संख्या काफी कम है। डायचे वेले के मुताबिक सरकारी आंकड़े बता रहे हैं कि बीते कुछ दिनों में यहां पर आने वाले मामलों में भी गिरावट देखने को मिली है। जहां पहले हर रोज छह से सात हजार नए मामले सामने आ रहे थे, वहीं पिछले दिनों में यह संख्या दो से चार हजार के बीच ही रही है।
हालात को भांपते हुए जब मर्केल ने लॉकडाउन को बढ़ाने की घोषणा की तो उन्होंने कहा कि जर्मनी फिलहाल इसको हटाने का रिस्क नहीं ले सकता है। उन्होंने ये भी कहा कि जब तक इस वायरस की दवा नहीं बन जाती तब तक हमें इस वायरस के साथ जीना होगा। माना ये भी जा रहा है कि कहीं न कहीं उन्होंने इस बात का इशारा भी दे दिया है कि यदि जरूरत पड़ी तो लॉकडाउन को फिर बढ़ाया जाएगा।
अपने राज्य के मुखियाओं से बात करते हुए उन्होंने कुछ बातों पर और जोर दिया जिसमें से एक मास्क का इस्तेमाल भी था। उन्होंने लोगों से अपील की है कि वो सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करते हुए और खरीददारी के दौरान भी मास्क का प्रयोग करें। उन्होंने ये भी कहा है कि आने वाले दिनों में और अधिक लोगों तक मास्क की उपलब्धता करवा दी जाएगी। लॉकडाउन के दौरान जर्मनी ने कुछ जरूरी चीजों के लिए कुछ दुकानों को खुला रखने की भी इजाजत दे दी है। ये काफी कुछ ऐसे ही है जैसे भारत में 20 तारीख के बाद से कुछ ऑफिस और उद्योग धंधे खुलने का एलान पीएम मोदी की तरफ से किया गया है। दोनों ही देशों ने इस दौरान भी रेस्तरां, होटल, पब इत्यादि को बंद करने का फैसला लिया है।
आपको बता दें कि पीएम मोदी ने जब लॉकडाउन को बढ़ाकर 3 मई तक करने का एलान किया था तब उन्होंने एक दूसरे व्यक्ति से दूरी बनाए रखने और घरों में भी पूरी एहतियात बरतने की अपील लोगों से की थी। इसी तरह की अपील जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने भी की है। उन्होंने कहा है कि जो लोग अब काम पर जाना शुरू करेंगे अपने दफ्तर में कम से कम डेढ़ मीटर की दूरी बनाकर रखेंगे।
उन्होंन कहा कि हमें इस संक्रमण की पूरी चेन को पहचानना है। अगर हम ऐसा करने में सफल नहीं होते हैं तो इसके परिणाम काफी घातक होंगे। भारत की तरह जर्मनी में भी 3 मई तक सभी स्कूल और डे केयर भी बंद रहेंगे। उन्होंने भी पीएम मोदी की ही तरह कहा कि 3 मई के बाद के हालातों पर नजर रखते हुए और उनका आंकलन करने के बाद अगला कदम उठाया जाएगा। यदि इस दौरान मामले रोकने में सफल हुए तो कुछ दूसरी चीजों को भी खोला जा सकता है।
आपको बता दें कि जर्मनी के बवेरिया राज्य में इसका सबसे अधिक प्रकोप देखने को मिला है। मर्केल के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान वार्ता करते हुए यहां के मुख्यमंत्री मार्कुस जोएडर ने कहा कि मर्केल सरकार ने जिस तरह से समय रहते जरूरी कदम उठाए उसकी वजह से पूरी दुनिया में जर्मनी की तारीफ हो रही है। उन्होंने भी लोगों से अपील की है कि वो सरकार की किसी भी बात या निर्देशों को नजरअंदाज न करें, क्योंकि ये उनके और देश के भविष्य का सवाल है।
मर्केल ने कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए आने वाले दिनों में रिसर्च पर और निवेश करने का भी फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि इस खतरे के मद्देनजर अस्पतालों पर दबाव पड़ रहा है। ऐसे में आने वाले समय में इसकी टेस्टिंग को लेकर संख्या बढ़ानी होगी और पूरा डाटा तैयार करना होगा तभी इस जंग को जीत पाना मुमकिन होगा।