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तालिबान ने मजार-ए-शरीफ को चारों तरफ से घेरा, भीषण संघर्ष; अपने नागरिकों को निकालने के लिए भारत ने भेजा विमान

तालिबान ने उत्तरी अफगानिस्तान में एबक शहर पर कब्जा करने के बाद ताजिकिस्तान की सीमा से लगे मजार-ए-शरीफ को हासिल करने के लिए पूरी ताकत लगा दी है। फिलहाल पंद्रह सौ भारतीय नागरिक अफगानिस्तान में रह रहे हैं।

By Neel RajputEdited By: Published: Tue, 10 Aug 2021 06:04 PM (IST)Updated: Tue, 10 Aug 2021 06:04 PM (IST)
हमले रोकने के लिए अमेरिका का तालिबान पर दबाव बढ़ा

काबुल, एएनआइ। अफगानिस्तान का चौथा बड़ा शहर मजार-ए-शरीफ भी तालिबान के कब्जे में आ सकता है। इस शहर को तालिबान आतंकियों ने चारों तरफ से घेर लिया है और भीषण संघर्ष चल रहा है। भारत ने मजार-ए-शरीफ स्थित वाणिज्य दूतावास के राजनयिकों, कर्मचारियों और भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए विशेष विमान भेजा है।

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अपने देश के नागरिकों को सुरक्षित निकालने के लिए वाणिज्य दूतावास ने अपील जारी करते हुए कहा है कि शहर के आसपास जो भी भारतीय हैं, वे विशेष विमान से नई दिल्ली पहुंचने के लिए उनसे संपर्क करें। इसके लिए वाणिज्य दूतावास ने टेलीफोन नंबर भी जारी किए हैं।

तालिबान ने उत्तरी अफगानिस्तान में एबक शहर पर कब्जा करने के बाद ताजिकिस्तान की सीमा से लगे मजार-ए-शरीफ को हासिल करने के लिए पूरी ताकत लगा दी है। इस बड़े शहर पर हमले के साथ ही उसने बगलान के पुल ए खुमरी, बदख्शान प्रांत के फैजाबाद और फरह पर भी कब्जे के लिए अंतिम लड़ाई छेड़ दी है। लश्कर गाह, हेरात और कंधार शहर में पिछले कई दिनों से भीषण संघर्ष चल रहा है। पिछले महीने कंधार से भी भारत ने अपने दूतावास से 50 राजनयिकों और कर्मचारियों को सुरक्षित निकाल लिया था। प्रेट्र के अनुसार, फिलहाल 1500 भारतीय नागरिक अफगानिस्तान में रह रहे हैं।

इधर आइएएनएस के मुताबिक, अमेरिका तालिबान पर हमले रोकने के लिए दबाव बढ़ा रहा है। इसके लिए वार्ता को अमेरिका के अफगानिस्तान में विशेष दूत जालिमे खलीलजाद तीन दिन के लिए दोहा पहुंच गए हैं।

अमेरिका ने पिछले 24 घंटे के दौरान कई हवाई हमले किए। उसके बी-52 लड़ाकू विमान के हमले में 11 तालिबान आतंकी मारे गए।

एपी के अनुसार, अमेरिका ने कहा है कि उसके अफगान सेना के समर्थन में हवाई हमले जारी रहेंगे। हवाई हमलों की नीति में उसका परिवर्तन करने का कोई इरादा नहीं है। रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता जान किर्वी ने कहा है कि यह उनका देश है और उनका संघर्ष है। उन्होंने कहा कि अमेरिकी सैन्य कमांडरों ने माना है कि हालात बिगड़ रहे हैं। रक्षा मंत्रालय ने यह भी माना है कि जमीन पर चल रही लड़ाई सही दिशा में नहीं जा रही है।

महिलाओं पर बर्बर अत्याचार पर संयुक्त राष्ट्र ने जताई चिंता

प्रेट्र के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र में मानवीय मामलों के प्रमुख मार्टिन ग्रिफिथ्स ने अफगानिस्तान में महिलाओं पर जुल्म और मानवाधिकारों के उल्लंघन पर गहरी चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि पिछले एक महीने में एक हजार से ज्यादा लोग मारे या घायल हुए हैं। 2009 से यहां पर चालीस हजार से ज्यादा लोग मारे गए हैं। अब यहां महिलाओं पर बर्बरता चिंतिंत करने वाली है। युद्ध को तुरंत रोका जाना चाहिए।

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