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जानें, अमेरिका की आंखों में क्‍यों खटक रहा है वियतनाम स्थित उत्तर कोरिया का ये रेस्‍तरां!

वियतनाम स्थित उत्तर कोरिया के एक रेस्‍तरां पर अमेरिका की कड़ी निगाह है। कहा जा रहा है कि यहां से किम अपने देश पर लगे प्रतिबंधों का खुलेतौर पर उल्‍लंघन कर रहा है।

By Kamal VermaEdited By: Updated: Mon, 20 May 2019 12:31 PM (IST)
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जानें, अमेरिका की आंखों में क्‍यों खटक रहा है वियतनाम स्थित उत्तर कोरिया का ये रेस्‍तरां!
नई दिल्‍ली [जागरण स्‍पेशल]। किम जोंग उन से हनोई वार्ता के विफल होने के बाद अमेरिका के निशाने पर एक बार फिर से उत्तर कोरिया है। यही वजह है कि अमेरिका ने जहां पहले प्रतिबंधों के उल्‍लंघन का आरोप लगाते हुए उत्तर कोरिया के बल्‍क करियर एमवी वाइज ओनेस्‍ट को सीज कर लिया, वहीं अब उसके निशाने पर वियतनाम के हनोई स्थित उत्तर कोरिया का एक रेस्‍तरां हैं। जहां तक एमवी वाइज ओनेस्‍ट की बात है तो आपको बता दें कि संयुक्‍त राष्‍ट्र में उत्तर कोरिया के राजदूत ने यूएन से अपील की है कि वह शिप को छुड़वाने के लिए तत्‍काल जरूरी उपाय करें। राजदूत ने इस कार्रवाई के लिए अमेरिका को गैंगस्‍टर तक कहा है। राजदूत का कहना है कि इस कार्रवाई से अमेरिका ने यह साबित कर दिया है कि वह किसी भी तरह के अंतरराष्‍ट्रीय नियमों को नहीं मानता है और मनमाने तरीके से कार्रवाई करता है।

सीएनएन की मानें तो उत्तर कोरिया का यह रेस्‍तरां कोल्‍ड नूडल्‍स और किमची परोसता है। रेस्‍तरां के ऑनलाइन रिकॉर्ड से पता चलता है कि यह हाईटेक फेशियल रिकॉगनिशन सॉफ्टवेयर का इस्‍तेमाल भी अपनी बिक्री के लिए करता है। यही वजह है कि दो अमेरिकी विचारकों की निगाह में यह रेस्‍तरां उत्तर कोरिया पर लगे उन प्रतिबंधों का उल्‍लंघन कर रहा है, जो उस पर संयुक्‍त राष्‍ट्र द्वारा वर्ष 2017 में लगाए गए थे।

इन जानकारों में से एक ऑर्टरबर्न का कहना है कि विदेशों में बैठे प्रोग्रामर इस तरह से हजारों डॉलर कमा कर उत्तर कोरिया को भेज रहे हैं। एक्‍सपर्ट की मानें तो उन्‍होंने कोरियाई सॉफ्टवेयर डिजाइनर्स जिन्‍होंने इसे तैयार किया है और इसके सहारे रेस्‍तरां अपने प्रोडक्‍ट को बेच रहा है, चेतावनी भी दी है। जानकारों के मुताबिक, इन सभी के पीछे हैकर्स भी काम कर रहे हैं।

आपको यहां पर बता दें कि उत्तर कोरिया पर किसी भी देश से हथियार की खरीद-फरोख्‍त करने पर प्रतिबंध है। यूएन द्वारा लगाए गए इन प्रतिबंधों के बावजूद कोरिया इस तरह की कोशिश कर चुका है। इस सॉफ्टवेयर ने उन खामियों को भी उजागर कर दिया है जिसकी वजह से उत्तर कोरिया प्रतिबंधों को धता बताते हुए विदेशों से धन अर्जित कर रहा है। इस बारे में आईटी विशेषज्ञ कैमरून ट्रेनर का कहना है कि इन्फॉर्मेशन सर्विस संयुक्‍त राष्‍ट्र द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों में नहीं आती है।

कहा ये भी जा रहा है कि इसके माध्‍यम से आ रहे पैसे को उत्तर कोरिया कथिततौर पर अपने परमाणु कार्यक्रम में लगा रहा है। जानकारों की राय में वियतनाम के उत्तर कोरियाई रेस्‍तरां की बढ़ती आय ने अमेरिका के कान खड़े कर दिए हैं। इसके बाद अमेरिका एशिया में मौजूद दूसरे उत्तर कोरियाई रेस्‍तरां पर भी निगाह रख रहा है। जहां तक पुलिस और कस्‍टम की बात है तो वह केवल प्रतिबंधों को एक दायरे में रखते हुए ही मामलों की जांच करती है। ऑनलाइन सॉफ्टवेयर या इससे हो रही बिक्री इसके दायरे में नहीं आती है।

शुरुआती जांच में यह पता चला है कि फ्यूचर टेक ग्रुप जिसने इस सॉफ्टवेयर को तैयार किया है उसका यहां के दो रेस्‍तरां से समझौता है। इसके अलावा मलेशिया की एक अन्‍य कंपनी ग्‍लूकॉम का भी इससे तालमेल है। जहां तक फ्यूचर टेक ग्रुप की बात है तो उसने अपनी वेबसाइट को हटा लिया है, लेकिन उसके कैशे से मिली जानकारी के आधार पर कहा जा रहा है कि फेशियल रिकॉग्निशन प्रोडक्‍ट को लेकर इस कंपनी ने विज्ञापन दिया था। इसके अलावा कुछ दूसरे सॉफ्टवेयर का भी इसने विज्ञापन किया था जो बिक्री से संबंधित थे।

जिस रेस्‍तरां की पर अमेरिका की निगाह है वह उत्तर कोरिया के एक शख्‍स किम जोंग जिल के नाम पर रजिस्‍टर्ड है। इस रेस्‍तरां का नाम मूडो वीना है। इस सॉफ्टवेयर की सबसे खास बात यही है कि इसको किसी रिमोट इलाके से ऑपरेट किया जा सकता है, इसकी जानकारी अक्सर रेस्‍तरां को नहीं होती है।

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