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'जो देश एटम बम बना सकता है वो पाकिस्‍तान वेंटिलेटर भी बना सकता है', जानें Twitter पर इसका जवाब

पाकिस्‍तान की महिला पत्रकार ने एक एक वीडियो ट्विटर पर साझा करते हुए लिखा है कि लेकिन पाकिस्‍तान ने एटम बम भी तो बाहर से ही मंगाया था ना।

By Kamal VermaEdited By: Updated: Mon, 13 Apr 2020 07:47 AM (IST)
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'जो देश एटम बम बना सकता है वो पाकिस्‍तान वेंटिलेटर भी बना सकता है', जानें Twitter पर इसका जवाब
इस्‍लामाबाद। पाकिस्‍तान की एक महिला पत्रकार नायला इनायत ने प्रधानमंत्री इमरान खान का एक वीडियो ट्विटर पर साझा किया है। यह वीडियो पाकिस्‍तान के एक चैनल पर चल रही डिबेट का हिस्‍सा है जिसमें इमरान खान के को बोलते हुए दिखाया गया है। इसमें इमरान खान ये कहते हुए दिखाई दे रहे हैं कि पाकिस्‍तान में कोरोना वायरस के बढ़ते मरीजों की संख्‍या के मद्देनजर दवाइयां समेत जरूरी मेडिकल इक्‍यूपमेंट्स विदेशों से मंगवाने पड़ रहे हैं। 

उन्‍होंने ये भी कहा कि ये सब चीजें पाकिस्‍तान में भी बन सकती थीं, इनमें कोई रॉकेट सांइस नहीं है। जो देश एटम बम बना सकता है उसके लिए वेंटिलेटर जैसी चीजों को बनाना कोई मुश्किल काम नहीं है। लेकिन पाकिस्‍तान की बदकिस्‍मती रही है कि इस पर कभी किसी ने ध्‍यान ही नहीं दिया। यदि दिया होता तो आज ये सब कुछ हमें बाहर से नहीं मंगाना पड़ता। इमरान खान के इस बयान के जवाब में नायला इनायत ने लिखा कि कि लेकिन पाकिस्‍तान ने एटम बम भी तो बाहर से ही मंगाया था ना।

नायला ने इमरान और समूचे पाकिस्‍तान पर जो कमेंट किया है उस पर न जाते हुए पहले इमरान खान के ही बयान पर तवज्‍जो देनी जरूरी हो जाती है। हकीकत तो ये है कि ये बयान देते समय इमरान खान ये भूल गए कि उनकी सरकार पाकिस्‍तान में दो वर्ष पूरा करने वाली है। इस दौरान पाकिस्‍तान में इतिहास की सबसे अधिक मंहगाई देखी है। अफसोस की बात ये भी है कि पाकिस्तान के बलूचिस्‍तान में स्‍वास्‍थ्‍य सेवाएं बेहद खराब हैं। इस बात को खुद पीएम ने अपने संबोधन में माना था।

उन्‍होंने ये भी माना था कि वहां पर इन स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं का अभाव है। इसके अलावा यही हाल गिलगिट बाल्टिस्‍तान का भी है। कोरोना वायरस के तेजी से पांव पसारने के बाद इमरान कह रहे हैं कि जो देश एटम बम बना सकता है वो वेंटिलेटर आसानी से बना सकता है। लेकिन अफसोस की बात है कि इन दो वर्षों में उन्‍होंने केवल अपनी आर्थिक बदहाली का रोना रोने के अलावा और कुछ नहीं किया। यदि ऐसा होता तो पाकिस्‍तान के जिन प्रांतों में स्‍वास्‍थ्‍य सेवाएं बदत्‍तर हैं उन्‍हें वो दुरुस्‍त कर चुके होते।

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