पाकिस्तान में मारे गए श्रीलंकाई नागरिक प्रियंता कुमार परिवार के लिए मुआवजे की मांग
श्रीलंका के विदेश मंत्रालय ने बताया कि पेरिस ने उम्मीद जताई है कि पाकिस्तान सरकार प्रियंता के परिवार को न्याय दिलवाने के लिए उचित कदम उठाएगी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान सरकार यह सुनिश्चित करे कि पीड़ित परिवार को जल्द मुआवजा मिले।
By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Updated: Fri, 10 Dec 2021 06:54 PM (IST)
कोलंबो, एएनआइ। पाकिस्तान के सियालकोट में गत हफ्ते श्रीलंकाई नागरिक प्रियंता कुमार को ईशनिंदा के आरोप में पीट-पीटकर मार डाला गया था। श्रीलंका की सरकार ने इमरान सरकार से प्रियंता के स्वजन को मुआवजा देने की मांग की है। इस मुद्दे को लेकर श्रीलंकाई विदेश मंत्री जीएल पेरिस ने पाकिस्तान के कार्यवाहक उच्चायुक्त तनवीर अहमद के साथ गुरुवार को यहां बैठक की।
श्रीलंका के विदेश मंत्रालय ने बताया कि पेरिस ने उम्मीद जताई है कि पाकिस्तान सरकार प्रियंता के परिवार को न्याय दिलवाने के लिए उचित कदम उठाएगी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान सरकार यह सुनिश्चित करे कि पीड़ित परिवार को जल्द मुआवजा मिले।
पेरिस ने कहा कि श्रीलंका सरकार प्रियंता कुमार के दोनों बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित है। उन्होंने पाकिस्तानी उच्चायुक्त से अनुरोध किया कि इस बात को सुनिश्चित करने के लिए एक तंत्र की व्यवस्था करें कि पीड़ित परिवार को बगैर बाधा हर महीने समय से वेतन मिले।
सियालकोट जिले में एक कारखाने में महाप्रबंधक के पद पर कार्यरत थेबता दें कि पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के सियालकोट में कट्टरपंथियों की भीड़ ने कथित ईशनिंदा के आरोप में श्रीलंकाई नागरिक को पीट-पीट कर मार दिया और बाद में उसके शव में आग लगा दी थी। श्रीलंकाई नागरिक प्रियंता कुमारा सियालकोट जिले में एक कारखाने में महाप्रबंधक के पद पर कार्यरत थे।
ईशनिंदा के आरोप में भीड़ ने पीट-पीटकर मार डालाकुमारा ने कथित तौर पर कट्टरपंथी तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) का एक पोस्टर फाड़ दिया, जिसमें कुरान की आयतें लिखी हुई थीं। पोस्टर को फाड़ने के बाद उसे कूड़ेदान में फेंक दिया। इस्लामिक पार्टी का पोस्टर कुमारा के कार्यालय से सटी दीवार पर चिपकाया गया था। फैक्ट्री के कुछ कर्मचारियों ने उसे पोस्टर हटाते हुए देखा और यह बात फैक्ट्री में फैला दी। ईशनिंदा के आरोप में भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला था। इस घटना के चलते पाकिस्तान की खूब आलोचना हुई थी।