पाकिस्तान का अच्छा दोस्त नहीं बन सकता है भारत!, जानें कब क्यों और किसने कही ये बात
हाल ही में पाकिस्तान और भारतीय उच्चाधिकारियों की बैठक में दुबई ने मध्यस्थता की थी। ये वार्ता हाल हुई उन खास घटनाओं में से एक थी जिसने लोगों को चौकाने का काम किया था। इसकी पुष्टि पाकिस्तान के अमेरिका में तैनात राजदूत ने की थी।
By Kamal VermaEdited By: Updated: Sun, 18 Apr 2021 04:32 PM (IST)
नई दिल्ली (ऑनलाइन डेस्क)। भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध हमेशा से ही उतार-चढ़ाव वाले रहे हैं। इसके बाद भी भारत ने पाकिस्तान के साथ संबंध सुधारने की दिशा में कभी प्रयास कम नहीं किए हैं। हाल ही में दुबई में भारत पाकिस्तान के उच्चाधिकारियों की बैठक इस बात का जीता जागता सुबूत है। पाकिस्तान के अखबार द डॉन के मुताबिक इस वार्ता में दुबई ने मध्यस्थता की थी। इस वार्ता का मकसद दोनों देशों के बीच संबंधों को इस स्तर पर लाना था कि आपसी वार्ता जारी रह सके और तनाव को कम किया जा सके। दोनों देशों के बीच हुई इस वार्ता दो दिन बाद ही पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी भी तीन दिवसीय यात्रा पर दोहा पहुंचे हैं। इस दौरान वो दुबई के शाह समेत अन्य नेताओं से विभिन्न मुद्दों पर बात करेंगे। वो अपने इस दौरे में मीडिया से भी रूबरू होंगे।
बहरहाल, पाकिस्तान के अखबार द डॉन का कहना है कि अमेरिका में मौजूद पाकिस्तान के राजदूत ने इस बात की पुष्टि की है कि दुबई ने भारत और पाकिस्तान के संबंधों में तनाव कम करने की दिशा में प्रयास किया और दोनों के बीच मध्यस्थता करने का काम किया है। स्टेंडफॉर्ड यूनिवर्सिटी के हूवर इंस्ट्टियूट के साथ हुए वर्चुअल विचार-विमर्श के दौरान पाकिस्तानी राजदूत यूसुफ अल औतेबा ने कहा कि कश्मीर के मुद्दे पर तनाव कम करने और सीमा पर सीजफायर लागू करने के मुद्दे पर दुबई ने दोनों देशों के बीच पहल की। उन्होंने ये भी कहा कि परमाणु ताकत वाले इन दोनों देशों के बीच तनाव कम करने में दुबई ने एक कारगर पहले की है।
औतेबा ने इस दौरान कहा कि भारत कभी पाकिस्तान के लिए सबसे अच्छा दोस्त नहीं बन सकता है। लेकिन कम से कम पाकिस्तान संबंधों को एक ऐसे स्तर पर पहुंचाना चाहता है जहां सब कुछ सुचारू रूप से चल सके और जहां दोनों देश एक दूसरे से सभी मुद्दों पर बात कर सकें। आपको बता दें कि फरवरी 2019 में पुलवामा हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत का सिलसिला पूरी तरह से रुक गया था। इसको इस वर्ष दोनों देशों की डीजीएमओ की बैठक में दोबारा शुरू किया गया था। इसके बाद दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने एक दूसरे को पत्र भी लिखा था।
जहां तक पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी की दोहा यात्रा की बात है तो इस दौरान उनकी दुबई के नेताओं से द्विपक्षीय मसलों पर बातचीत होगी। इसमें देानों देशों के बीच होने वाला व्यापार और अन्य साझेदारी को बढ़ाने पर विचार विमर्श होगा। इसके अलवा कसूरी वहां पर मौजूद पाकिस्तानियों की बेहतरी के लिए भी दुबई के नेताओं से बात करेंगे। हालांकि इस दौरान दुबई द्वारा पाकिस्तान के नागरिकों को बैन करने पर कोई बातचीत नहीं होगी।
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