पाकिस्तान में कतर के अमीर कर सकेंगे लुप्तप्राय पक्षी होउबारा बस्टार्ड का शिकार
अपने हितों को साधने के लिए पाकिस्तान ने लुप्तप्राय पक्षी होउबारा बस्टार्ड का शिकार करने की इजाजत देते हुए कतर के अमीर और शाही परिवार के सदस्यों को परमिट जारी किए हैं।
By Kamal VermaEdited By: Updated: Wed, 18 Dec 2019 11:45 AM (IST)
इस्लामाबाद [प्रेट्र] पाकिस्तान ने कतर के अमीर और शाही परिवार के नौ सदस्यों को लुप्तप्राय की श्रेणी में आने वाले पक्षी होउबारा बस्टार्ड का शिकार करने के लिए विशेष परमिट जारी किए हैं। जिन जगहों पर इन पक्षियों का शिकार किया जा सकता है वे क्षेत्र सिंध, बलूचिस्तान और पंजाब प्रांत में आते हैं। डॉन न्यूज के मुताबिक एक नवंबर 2019 से 31 जनवरी 2020 के बीच 10 दिनों की सफारी में 100 होउबारा बस्टार्ड का शिकार किया जा सकता है।
इन्हें जारी किया गया है परमिट सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि उप विदेश मंत्री मोहम्मद अदील परवेज ने 2019-20 के लिए परमिट जारी किए हैं। जिन लोगों को परमिट जारी किया गया है उनमें तेल समृद्ध खाड़ी देश कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद बिन खलीफा अल थानी, उनके चाचा, भाई और सात अन्य लोग शामिल हैं। खास बात यह है कि इस कदम के खिलाफ बढ़ती आलोचनाओं के बावजूद पाकिस्तान खाड़ी देशों के शाही परिवारों के सदस्यों को हर साल इन पक्षियों का शिकार करने का परमिट जारी करता है।
हितों को साधने के लिए पाकिस्तान उठाता रहा है कदम होउबारा बस्टार्ड के शिकार का प्रयोग पाकिस्तान अरसे से खाड़ी देशों से अपने हितों को साधने के लिए करता रहा है। बता दें कि अपनी घटती आबादी के मद्देनजर यह प्रवासी पक्षी न केवल विभिन्न अंतरराष्ट्रीय संधियों के तहत संरक्षित हैं, बल्कि स्थानीय वन्यजीव संरक्षण कानूनों के तहत इसके शिकार पर भी प्रतिबंध है। पाकिस्तानियों को इस पक्षी का शिकार करने की अनुमति नहीं है।
शर्मीला होता है होउबारा बस्टार्डहोउबारा बस्टार्ड पक्षी शर्मीला, लेकिन खूबसूरत होता है और आकार में टर्की चिड़िया जैसा दिखता है। हर साल सर्दियों में ये मध्य एशिया से उड़कर पाकिस्तान आते हैं। इस पक्षी को वन्यजीवों की प्रवासी प्रजातियों से संबंधित एक अंतरराष्ट्रीय संधि (बॉन संधि) में शामिल किया गया है। इन पक्षियों का शिकार बाज की मदद से किया जाता है। पिछले दशकों में होउबारा बस्टार्ड की संख्या शिकार और उनकी रिहायशी जगहों के सिकुड़ने से तेजी से कम हुई है, इसीलिए इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर (आइयूसीएन) ने भी इसे संकटग्रस्त प्रजातियों की रेड लिस्ट में ‘आसानी से शिकार किए जा सकने’ वाला पक्षी घोषित किया है। इस संधि पर हस्ताक्षर करने वाले देशों में पाकिस्तान भी शामिल है।
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