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ब्यूटी ऑन ड्यूटी: रूसी पुलिस और सीरिया कमांडो दस्ते में दिखती बला सी खूबसूरती

रूस के पुलिस महकमे और सीरिया के कमांडो दस्ते में बला सी खूबसूरत महिलाएं देखने को मिलती है। देखने में ये मॉडल जैसी नजर आती हैं।

By Vinay TiwariEdited By: Updated: Fri, 30 Aug 2019 08:24 AM (IST)
ब्यूटी ऑन ड्यूटी: रूसी पुलिस और सीरिया कमांडो दस्ते में दिखती बला सी खूबसूरती
नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। विश्व के कुछ देशों में खूबसूरत महिलाओं को अपनी खूबसूरती के साथ-साथ दूसरे लोगों की भी सुरक्षा की जिम्मेदारी निभानी पड़ती है। ये देखने में आया है कि वो खुद ही बला की खूबसूरत है मगर वो दूसरों की सुरक्षा में लगी रहती है। इनमें से कुछ के बड़े-बड़े प्रशंसक भी है जिनके सोशल साइट्स पर हजारों प्रशंसक भी है।

 

(नोट- फोटो इंस्टाग्राम से ली गई है।)

रुस और कुछ इस्लामिक स्टेट में ऐसी खूबसूरत महिला पुलिसकर्मी सड़क पर देखने को मिल भी जाती है। रुस में जहां ये महिलाएं पर्यटकों की सुरक्षा में लगाई गई हैं वहीं इस्लामिक स्टेट में ये लड़ाकी दुश्मनों के दांत खट्टे करने के लिए इस्तेमाल की जाती हैं। आज हम आपको दो ऐसे ही देशों की इन महिला ब्रिगेड के बारे में बताएंगे जो देखने में बला की खूबसूरत हैं और दूसरों की सुरक्षा की जिम्मेदारी निभा रही हैं। 

 

(नोट- फोटो इंस्टाग्राम से ली गई है।)

रूस की पुलिस में कुल कर्मचारियों में महिलाओं का 30 फीसद ही है। इन 30 फीसद में कुछ बहुत ही खूबसूरत महिला पुलिसकर्मी शामिल हैं। इनको यहां पर्यटकों की सुरक्षा में लगाया गया है। ये महिलाएं इन पर्यटक स्थलों पर तैनात रहती हैं, इनकी खूबसूरती का अंदाजा ऐसे ही लगाया जा सकता है कि यहां घूमने के लिए आने वाले अधिकतर लोग इनके साथ फोटो खिंचवाना पसंद करते हैं। इनके नाम ओक्साना, जूलिया, और डारिया है, इनमें से दो मास्को के सबसे अधिक पर्यटन स्थलों पर सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी निभाती है डारिया घुड़सवार गश्ती पुलिस दल में काम करती है।

(नोट- फोटो इंस्टाग्राम से ली गई है।)

डारिया खूबसूरत होने के साथ-साथ सोशल साइट इंस्टाग्राम पर भी एक्टिव रहती है, वहां पर उनके 50 हजार से अधिक फैन फालोवर भी हैं। 

(नोट- फोटो इंस्टाग्राम से ली गई है।)

सुरक्षा पर तैनात रहने के दौरान इनको तरह-तरह की बातें सुननी पड़ती है। कई बार घूमने के लिए परिवार के साथ आए लोग इनके साथ अलग-अलग पोज में फोटो खिंचवाने की गुजारिश करते हैं। इनमें से कुछ को विश्व कप फुटबाल मैच के दौरान डयूटी पर लगाया गया था, वहां पर भी उनको फोटो खिंचवाने और कमेंट सुनने जैसी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था। ये तीनों अपने साथ हुई इस तरह की घटनाओं को याद भी करती रहती हैं।

 

उधर सीरिया ने भी अपने कमांडो दस्ते में बला की खूबसूरत महिलाओं को शामिल किया है। महिला कमांडो का ये दस्ता, आतंकियों के मुख्य गढ़ में उनके दांत खट्टे कर रहा है। इन खूबसूरत योद्धाओं का नाम दुनिया की सबसे खतरनाक योद्धाओं में शामिल है। इन महिला कमांडो का नाम कुर्द लड़ाकों में शामिल है। इन्हें सीरिया के सीमावर्तनी इलाकों में इस्लामिक स्टेट (IS) के खिलाफ मोर्चे पर तैनात किया गया है। इस्लामिक स्टेट के लड़ाकों से मुकाबला करने के लिए इन्हें गर्म व पथरीले रेगिस्तान में युद्ध की सबसे कठिन ट्रेनिंग दी जाती है।

किसी भी तरह का मुकाबला करने के लिए इन महिला कमांडो को हर तरह के हथियार और गोला-बारूद का प्रशिक्षण दिया गया है। इराक की ये बहादुर कुर्दिश महिलाएं, कुर्दिश पेशमेर्गा फाइटर्स में शामिल हैं। इराक के बर्लिन में इन्हें सैन्य प्रशिक्षण दिया जाता है। आईएस लड़ाकों ने कभी सोचा भी नहीं होगा कि कुर्द दस्ते की ये लड़कियां उन पर इस कदर भारी पड़ेंगी। 

इन कुर्द लड़कियों ने चरमपंथियों के दांत खट्टे कर दिए हैं। इस्लामिक स्टेट का मुकाबला करने के लिए अमेरिका और जर्मनी भी इन कुर्द लड़ाकों को कई तरह के प्रशिक्षण दे चुका है। अलग-अलग देशों से आयी सारी लड़कियां अलग कुर्दिस्तान देश का सपना देखती हैं। कुछ महीनों की ट्रेनिंग के बाद इन्हें अलग-अलग फ्रंट पर आईएस लड़ाकों से मुकाबला करने के लिए भेजा जाता है।

प्रशिक्षण के दौरान इन जांबाजों को एक गीत बार-बार सुनाया और याद कराया जाता है, जिसके बोल हैं 'प्यारी मां, मेरे लिए आंसू मत बहाना। मैं मातृभूमि पर मिटने के लिए तैयार हूं। मैं दुश्मन को मिटाने जा रही हूं।' इस गीत का इस्तेमाल इन लड़कियों में देशभक्ति और बलिदान की भावना पैदा करने के लिए किया जाता है।

कुर्द, एक विवादास्पद इलाका है, जो इस्लामिक स्टेट के लड़ाकों से तो लड़ रहा है। ईरान, सीरिया और तुर्की सीमावर्ती इलाकों में कुर्द आबादी को अपने लिए खतरा मानते हैं। इन महिलाओं का कहना है कि कुर्दिस्तान एक है। उन्होंने इलाके के सारे कुर्दों की हिफाजत के लिए हथियार उठाए हैं। 

कुर्द की इन महिला लड़ाकों ने बताया कि वह दो मोर्चे पर लड़ रही हैं। पहला दुश्मन और दूसरा यौन हिंसा। कुर्द लड़ाके महिलाओं और पुरुषों के बीच भेदभाव नहीं करते हैं। महिला कुर्द लड़ाका कहती हैं कि वह किसी से कमजोर नही हैं। वह किसी भी परिस्थिति में और कहीं भी लड़ सकती हैं।

ईरान से सैन्य ट्रेनिंग के लिए इराक पहुंचने वाली इन कुर्द महिला योद्धाओं की आयु 18 से 25 वर्ष के बीच है। इनमें से ज्यादातर लड़कियों ने विश्वविद्यालय से स्नातक किया है। इन्हीं में से एक 20 वर्षीय हाजा, सीरिया की रहने वाली हैं। वह बताती हैं कि सीरिया में उनके इलाके सिंजर में इस्लामिक स्टेट ने कब्जा कर लिया था। इस हमले से खीझकर ही उन लोगों ने आईएस का मुकाबला करने का निर्णय लिया है। 

 

2017 में आईएस ने इन्हीं कुर्द लड़ाकों में शामिल एक 23 वर्षीय लड़की जोआना पलानी को मारने पर 10 लाख डॉलर का ईनाम रखा था। इस लड़की ने अकेले आईएस के 100 से ज्यादा आतंकियों को ठिकाने लगाया है। कुर्दिश मूल की डैनिश महिला पलानी ने 2014 में पढ़ाई छोड़ दी थी। इसके बाद वह आईएस के खिलाफ जंग में उतर गई।  

कुर्द लड़ाकों के बारे में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें:- 

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