वैज्ञानिकों ने किया शोध, हमारे जैसे भी हो सकते हैं एलियन
शोधकर्ता सैम लेविन ने कहा, एस्ट्रोबॉयोलॉजिस्ट (ब्रह्मांड में जीवन की उत्पत्ति का अध्ययन करने वाले) का काम अन्य ग्रहों पर जीवन का पता लगाना है।
लंदन, प्रेट्र। साइंस फिक्शन फिल्मों और कहानियों में एलियन (धरती से इतर ग्रह के प्राणी) को विचित्र प्राणियों के रूप में दिखाया गया है। लेकिन ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों द्वारा किए गए शोध में सामने आया है कि हमारे खगोलीय पड़ोसी हमारी सोच से इतर हमसे मिलते-जुलते भी हो सकते हैं। संभावना जताई गई है कि एलियन का विकास भी प्रकृति द्वारा चयनित उसी प्रक्रिया से हुआ जिससे धरती पर मानव विकसित हुए हैं।
शोधकर्ता सैम लेविन ने कहा, एस्ट्रोबॉयोलॉजिस्ट (ब्रह्मांड में जीवन की उत्पत्ति का अध्ययन करने वाले) का काम अन्य ग्रहों पर जीवन का पता लगाना है। लेकिन एलियनों के बारे में कोई भी अनुमान लगाना बेहद कठिन है क्योंकि हमें केवल पृथ्वी पर जीवन की उत्पत्ति और विकास की जानकारी प्राप्त है।' पूर्व के शोध में वैज्ञानिक रसायन विज्ञान, भौतिकी, भू-विज्ञान के बारे में अपनी जानकारी के अनुसार पृथ्वी पर मौजूद चीजों का अध्ययन कर एलियन की जानकारी जुटा रहे थे। जबकि, इस बार ऑक्सफोर्ड के शोधकर्ताओं ने पृथ्वी की जानकारियों से अलग विकासवाद के सिद्धांत का उपयोग कर एलियनों की संरचना का अनुमान लगाया है।
लेविन ने कहा, 'हम अब भी यह नहीं कह सकते कि एलियन दो पैर पर चलते होंगे या उनकी आंख बड़ी और हरे रंग की होगी। लेकिन इस शोध के बाद एलियन की जैविक बनावट और विशेषताओं के बारे में अनुमान लगाया जा सकता है।' यह शोध इंटरनेशनल जर्नल ऑफ एस्ट्रोबॉयोलॉजी में प्रकाशित किया गया है।
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